Uttar Pradesh : उप-चुनाव के तुरंत बाद सभी पार्टियां करने लगीं एक बड़ी लड़ाई की तैयारी, जानिए क्या है वजह
उत्तर प्रदेश में अभी कल ही संपन्न हुआ चुनाव. 5 दिसंबर 2022 को दो विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर चुनाव गहमागहमी के बीच चुनाव संपन्न हुए हैं. चुनाव परिणाम घोषित होने में अभी समय है. ऐसे में सभी पार्टियों की ओर से अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन जनता ने क्या तय किया ये तो परिणाम घोषित होने पर पता चलेगा. अब निकाय चुनाव(Nikay Chunav) के लिए सीटों का आरक्षण तय हो गया है. इस बार सभी पार्टियाँ निकाय चुनाव को गंभीरता से लेकर चल रही हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि निकाय चुनाव 2024 का सेमीफाइनल होगा.
जारी हो चुका है निकाय चुनाव(Nikay Chunav) सीटों का आरक्षण
सभी चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्तियों द्वारा आरक्षण का इंतजार किया जा रहा था. इंतजार की घड़ी आखिर समाप्त हुई. सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के वार्ड मेंबर और अध्यक्ष पद का आरक्षण जारी हो चुका है. साथ ही सभी पार्टियों ने निकाय चुनाव के लिए कमर कस ली है.
यह निकाय चुनाव क्यों है लोकसभा चुनाव का सेमी-फाइनल
भारतीय जनता पार्टी द्वारा निकाय चुनावों को 2024 का सेमीफाइनल कहा गया है. कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का भी ऐसा ही मानना है. भले ही अन्य पार्टियां कह नहीं रहीं लेकिन तैयारी सेमी फाइनल स्तर की ही कर रहीं हैं.
सहयोगी दलों में निकाय चुनाव को लेकर बैठकों का दौर शुरू
भाजपा हो या समाजवादी पार्टी,सभी अपने सहयोगी दलों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक का उद्देश्य है निकाय चुनाव में आपसी ताल-मेल होना. राष्ट्रीय लोकदल ने तीन सदस्यों को बैठक करने का आदेश दिया है. राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी का मुख्य सहयोगी है.
आने वाला निकाय चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव की दशा और दिशा तय करेगा इसमे कोई दोराय नहीं है. समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने भी कमर कस ली है. बीते कल यानि उपचुनाव के संघर्ष और समान्य विधानसभा चुनाव के परिणाम भूलकर एक नहीं शुरुआत की है. नए तरीके से सभी पार्टियाँ अपनी रणनीति बना रहीं हैं. कुछ हद तक उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के परिणाम से 2024 के प्रधानमंत्री का चेहरा साफ हो जाएगा.