Ambika Singh Deo : चाचा की राजनीतिक विरासत को संभाल रहीं हैं अंबिका सिंह देव, आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें

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Ambika Singh Deo
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Ambika Singh Deo : अंबिका सिंह देव छत्तीसगढ़ के राजनीति में वर्षों से सक्रिय हैं. वह वर्ष 2018 में कांग्रेस की टिकट पर पहली बार विधायक बनी हैं. छत्तीसगढ़ विधानसभा में वह बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है. बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के अंतर्गत आता है. बैकुंठपुर से पहली बार विधायक बनी अंबिका सिंह देव राजनीति में अपनी पारिवारिक विरासत को संभाले हुए हैं. उनके चाचा रामचंद्र सिंह देव अविभाजित मध्य प्रदेश के एक दिग्गज नेता थे.

अंबिका सिंह देव छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपनी लगन और मेहनत के लिए जानी जाती हैं. वह सक्रिय राजनीति में इस प्रकार हैं कि उनके पारिवारिक लोग ही उनसे खफा रहते हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में अंबिका सिंह देव कोरिया कुमार के नाम से विख्यात हैं. हाल ही में वह काफी सुर्खियों में रही थी, क्योंकि उनके पति ने उनसे विधायक की छोड़ने का अनुरोध किया था. अंबिका सिंह देव कई विभागों की संसदीय सचिव भी रह चुकीं हैं.

चाचा की राजनीतिक विरासत को संभाल रहीं हैं अंबिका

अंबिका सिंह देव एक शिक्षित और अनुभवी राजनीतिज्ञ है. अंबिका सिंह देव ने वर्ष 1988 में शिवनाथ शास्त्री कॉलेज कोलकाता से बीकॉम की डिग्री हासिल की थी. वह राजनीति में अपनी पारिवारिक विरासत को संभाल रहीं हैं. उनके चाचा रामचंद्र सिंह देव अविभाजित मध्य प्रदेश के एक दिग्गज नेता थे. वह एक साथ 16 विभागों के मंत्री रहे थे, छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद उनके चाचा का प्रभाव इस राज्य क्षेत्र में विशेष था. कोरिया कुमार के नाम से विख्यात अंबिका सिंह देव अपने चाचा के राजनीतिक विरासत को संभाल रही है और वह वर्ष 2018 में पहली बार विधायक बनी हैं.

वह जनता से जनता की समस्याओं को लेकर परस्पर संवाद करते रहती हैं. उनको छत्तीसगढ़ की राजनीति में सहज महिला के रूप में जाना जाता है. पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के लिए भी अंबिका सिंह देव का नजरिया नहीं बदलता है और वह उसे उचित सम्मान देती हैं.

पहली जीत में मंत्री को दी मात : Ambika Singh Deo

छत्तीसगढ़ में अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को संभाले और वर्ष 2018 में बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार विधायक बनी अंबिका सिंह देव का पहला चुनाव काफी दिलचस्प रहा था. उन्होंने वर्ष 2018 में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 बैकुंठपुर से कांग्रेस की टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा. अंबिका सिंह देव अपनी तीन बहनों में सबसे बड़ी है उनके चाचा राम सिंह देव बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से छह बार विधायक चुने गए थे, जब छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था तो उनके चाचा रामचंद्र सिंह देव ही छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री थे.

बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित सीट है और यहां कुल मतदाता है 159656 है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में लगभग 81.14% मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. अंबिका सिंह देव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भैया लाल राजवाड़े, जो की पूर्व में श्रम मंत्री की कुर्सी संभाल रहे थे, उनको लगभग 6000 वोटो से हराया था.

जनता से है ख़ास जुड़ाव, राजनीति में लगा मन

वर्ष 2018 में जब बैकुंठपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से अंबिका सिंह देव ने जीत हासिल की, तो उनके पक्ष में काफी कुछ था. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से बनी थी, जिसके चलते उन्होंने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है. अपनी सरकार से समन्वय करके उन्होंने अपने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पीने का पानी उपलब्ध कराया, रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर तत्पर विधायक ने अपने 5 वर्षों के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराईं. कोरोना काल में वे अधिक चर्चा में आई थीं, उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में कंचनपुर हॉस्पिटल में रोजाना शाम दीप प्रज्वलन कर लोगों के स्वास्थ्य की कामना की थी और डॉक्टर तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रोत्साहित करती थीं.

हालांकि, उनके चाचा कभी नहीं चाहते थे कि उनके परिवार से कभी कोई राजनीति में आए. जिसके चलते ही अभी हाल ही में उनके पति ने उनसे राजनीति छोड़ने की अपील भी की थी. लेकिन, अंबिका सिंह देव को राजनीति रम गई है और छत्तीसगढ़ की जनता उनके कार्यकाल को काफी पसंद कर रही है. हो सकता है आने वाले समय में यदि पुनः कांग्रेस की सरकार बने, तो उनको प्रदेश कैबिनेट में शामिल किया जाए.

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