मुस्लिम राम भक्त हूं, बीजेपी रुदौली से टिकट दे तो लड़ूंगा चुनाव, बबलू खान
मुस्लिम राम भक्त हूं, बीजेपी रुदौली से टिकट दे तो लड़ूंगा चुनाव, बबलू खान
अयोध्या : अयोध्या में रुदौली विधानसभा को लेकर बीजेपी में कई दावेदार अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, ऐसे में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अवध क्षेत्र पूर्व प्रांतीय मंत्री मोहम्मद अनीश खान बबलू ने भी अपनी दावेदारी मौजूदा विधायक रामचंद्र यादव के खिलाफ पेश की है.
मोहम्मद अनीश खान बबलू मुस्लिम राम भक्त के रूप में जाने जाते हैं, इन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम समाज को राम मंदिर के पक्ष में करने की मुहिम चला रखी थी, जिसका एक अच्छा परिणाम भी देखने को मिला, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोहम्मद अनीस खान बबलू ने राम मंदिर निर्माण कार्य का स्वागत करते हुए अपना श्रमदान देने की पेशकश भी की थी, बबलू संघ और बीजेपी से नजदीकी भी रखते हैं, ऐसे में रुदौली विधानसभा में उनकी दावेदारी का गंभीर मायने निकलता है.
मो. अनीश खान बबलू का कहना है कि मैं राम भक्त बीजेपी का मुस्लिम सिपाही हूं, राम मंदिर के पक्ष में मुसलमानों को एकत्र करने का काम हमने किया है, ऐसे में रुदौली के मुसलमान उनको अपने विधायक रूप में देखना चाहते हैं, इसके साथ ही रामचंद्र यादव जो मौजूदा विधायक हैं, रुदौली में उनका 10 वर्ष पूरा हो चुका है, उनके कार्यों को रुदौली की जनता ने देखा है, रुदौली की जनता भी परिवर्तन मांग रही है, ऐसे में अब बीजेपी को वहां से प्रत्याशी को बदल देना उचित रहेगा, इस कारण मोहम्मद अनीस खान बबलू रुदौली विधानसभा से अपनी प्रबल दावेदारी पेश कर रहे हैं.
इस बार रुदौली विधानसभा समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच कड़े मुकाबले के रूप में देखी जा रही है, माना यह जा रहा है, कि रुदौली में समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी बदल सकती है, नए समीकरण के साथ चुनावी मैदान में मजबूती के साथ लड़ने का दावा कर रही है, हालांकि अभी समाजवादी पार्टी ने अपना पत्ता नहीं खोला है, लेकिन फिर भी यह माना जा रहा है, कि अगर पूर्व विधायक रहे अब्बास अली जैदी रुश्दी मियां चुनाव नहीं लड़ते हैं, तो उनकी जगह यादव समाज के दिग्गज नेता स्वर्गीय मित्र सेन यादव के पुत्र पूर्व विधायक व राज्य मंत्री रह चुके आनंद सेन यादव को सपा चुनाव लड़ा सकती है.
वहीं, रुदौली विधानसभा के समीकरण की बात करें, तो यहां एक लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं, वहीं एससी समाज भी 80 हजार से ऊपर है. यादव समाज के लोग 40 हजार के करीब हैं, बबलू, मुस्लिम-दलित व पिछड़ा वर्ग वोट के सहारे अपनी मजबूत दावेदारी मान रहे हैं।