Coffee Production Process : जानिए कॉफी की खेती के लिए क्या है उपयुक्त तापमान, कैसे होती है इसके पौधे की देखभाल
Coffee Production Process : दुनिया भर में कॉफी (Coffee) की खपत बढ़ती जा रही है. भारत के बड़े-बड़े शहरों में भी लोग चाय की जगह कॉफी पीना ज्यादा पसंद करते हैं. कॉफी की प्रोसेसिंग (coffee Processing) करके कई ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और खाने-पीने की चीजें भी बनाई जाती है. यही कारण है कि सब्जी और फलों की तरह बाजार में कॉफी की मांग भी बढ़ती जा रही है. कॉफी की वैश्विक मांग को पूरा करने के लिये भारत के अलावा 6 देश और इसकी खेती करते हैं, इसलिये किसान चाहें तो कॉफी की खेती (Coffee Cultivation) करके शुरुआत से ही मोटा मुनाफा कमा सकते हैं.
ये है सही तापमान : Coffee Production Process
कॉफी उगाने के लिए 150 से 200 सेंटीमीटर बारिश काफी होती है. यह सर्दियों में खेती के लिए उपयुक्त नहीं है. इस मौसम में इसके पौधे बढ़ना बंद कर देते हैं. इसके पौधों की वृद्धि के लिए 18 से 20 डिग्री तापमान अनुकूल माना जाता है, लेकिन यह गर्मियों में अधिकतम 30 डिग्री और सर्दियों में न्यूनतम 15 डिग्री तक सहन कर सकता है.
कॉफी की खेती में सावधानी
- इसकी खेती के लिये अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती. बस फसल में खाद और उर्वरक डालने पर बेहतर क्वालिटी की कॉफी का उत्पादन मिल जाता है.
- इसकी बुवाई के लिये जून से जुलाई का समय बेहतर रहता है.
- पहाड़ी इलाकों में इसकी खेती के लिये बीजों के बजाय कलम यानी ग्राफ्टिंग विधि (Grafting Technique) से बुवाई करनी चाहिये.
- मैदानी इलाकों में दोमद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की पूर्ति करके बेहतर उत्पादन ले सकते हैं.
- भारत में केरल को सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य कहते हैं, जहां कॉफी की अरेबिका (Arabica Coffee) किस्म को उगाया जाता है.
- कॉफी की फसल में कीड़े और बीमारियों की ज्यादा प्रकोप नहीं रहता, लेकिन फिर भी नीम के तेल (Neem Oil) का घोल बनाकर या जैविक कीट नाशकों (Neem Pesticide) का छिड़काव कर सकते हैं.
- फसल में निराई-गुड़ाई करने पर भी पौधों में ऑक्सीजन का संचार बना रहता है और बढ़वार तेजी से होती है.