Delhi Service Bill : आइए जानते हैं क्या सरकार पास करा पाएगी दिल्ली सेवा बिल या विपक्ष रोकने में होगा कामयाब?
Delhi Service Bill : वर्तमान में भारतीय राजनीति में विपक्षी एकता जोरों पर है. सभी पार्टियों ने मिलकर एक संगठन बनाया है. जिसका नाम इंडिया रखा है. इस इंडिया गठबंधन में पूर्व से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक की सभी छोटी-बड़ी विपक्ष की पार्टियां लगभग शामिल है. ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा में समीकरण भी बदल गए थे, हालांकि लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के पास पूर्ण बहुमत है, लेकिन राज्यसभा में सरकार के पास पूर्ण बहुमत नहीं है आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में दिल्ली अध्यादेश पेश करेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी तथा कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही है. दोनों ही पार्टियों ने अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी की है. दिल्ली सेवा बिल लोकसभा में पास हो चुका है, क्योंकि सरकार के पास इसका बहुमत है. अभी राज्यसभा में पेश होना है लेकिन राज्यसभा के समीकरण कुछ अलग हैं. हालांकि कई नेताओं का कहना है कि यह बिल राज्यसभा में भी पास हो जाएगा, क्योंकि वहां के समीकरण ही कुछ ऐसे हैं. ऐसा कहने वालों में कांग्रेस के एक नेता भी शामिल हैं. उन्होंने कहा मेरी राय में इस बिल का विरोध करना गलत है, यह बिल पास हो ही जाएगा.
‘आप’ कर रही बिल का विरोध : Delhi Service Bill
इसके पहले 3 अगस्त को दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ था. उस समय ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्यों ने विरोध में सदन से वॉकआउट किया था. दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी इस बिल का जोरदार विरोध कर रही है. अरविंद केजरीवाल ने इस बिल के विरोध पर समर्थन के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर बीजेपी विरोधी पार्टियों से मुलाकात की थी. ‘आप’ ने कांग्रेस को भी बिल के विरोध के लिए राजी कर लिया था.
राज्यसभा में नहीं हैं लोकसभा जैसी आसानी, ये हैं समीकरण
लोकसभा में बहुमत के चलते सरकार ने दिल्ली सर्विस बिल आसानी से पास करा लिया लेकिन राज्यसभा में ये इतना आसान नहीं होने वाला है. आम आदमी पार्टी इस बिल का जोरदार विरोध कर रही है. साथ ही उसने इंडिया गठबंधन के सदस्यों को भी बिल का विरोध करने पर मना लिया है. उच्च सदन में इस समय 238 सांसद हैं. ऐसे में बिल को पास करने के लिए 119 सदस्यों की जरूरत होगी. वर्तमान में बीजेपी के पास 92 सांसद हैं. एनडीए के सहयोगी दलों को मिलाकर यह संख्या 103 हो जाती है. पांच मनोनीत सांसद भी हैं. मनोनीत सांसद सामान्यतया सरकार के समर्थन में ही होते हैं. वहीं, विपक्ष के ‘इंडिया’ गठबंधन के दलों के सांसदों की संख्या 109 है.
राज्यसभा में जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस और नवीन पटनायक की बीजेडी के 9-9 सांसद हैं. ये दोनों पार्टियां सरकार का समर्थन कर सकती हैं. इसके साथ ही दो निर्दलीय सांसद भी हैं, जिनका समर्थन मिल सकता है.