Devendra Bahadur Singh : छत्तीसगढ़ की पहली सरकार में रहे मंत्री, चार बार बन चुके हैं विधायक, जानिए उनके राजनीतिक जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

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Devendra Bahadur Singh
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Devendra Bahadur Singh : देवेंद्र बहादुर सिंह छत्तीसगढ़ के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. उन्होंने वर्ष 2018 के सामान्य विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की बसना विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की. वह छत्तीसगढ़ के एक दिग्गज राजनेता है और छत्तीसगढ़ के राजनीति में अपने बेदाग और स्पष्ट छवि के लिए जाने जाते हैं. वे अब तक चार बार विधायक बन चुके हैं, उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में की थी. वे वर्ष 1995 में पहली बार विधायक चुने गए थे और जब छत्तीसगढ़ राज्य बना था, तो पहली ही सरकार में उनको खनिज, जनसंपर्क, वित्त, वाणिज्यकर जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई थी. वर्तमान में वे वन विकास निगम के अध्यक्ष हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है. वह एक शिक्षित और अनुभवी राजनेता हैं. उनके पास लगभग 3 दशकों की सक्रिय राजनीति का अनुभव है.

कार्यकर्ता से दिग्गज राजनेता तक ऐसा रहा सफर

देवेंद्र बहादुर सिंह ने अपना राजनीतिक जीवन कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में शुरू किया था. उन्होंने ब्लॉक और जिला स्तर पर कांग्रेस के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. इसके बाद वर्ष 1995 में वह पहली बार विधायक निर्वाचित हुए. इसके बाद में लगातार 1998, 2008 में विधायक निर्वाचित हुए. पिछले यानी वर्ष 2018 के सामान्य विधानसभा चुनाव में वह पुनः छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए, यह उनका चौथा कार्यकाल था. विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह विधानसभा की कई समितियां के सदस्य भी रहे. देवेंद्र बहादुर सिंह को छत्तीसगढ़ राज्य की पहली सरकार में तमाम विभागों के राज्य मंत्री बनने का गौरव प्राप्त है. देवेंद्र बहादुर सिंह आदिवासी महासंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और उन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा में सभापति, प्रत्यायुक्त विधान समिति के रूप में भी कार्य किया है.

उनके क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 204420 है. इसमें लगभग 85.81 प्रतिशत लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था. विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को लगभग 17000 वोटो के अंतर से हराया था. देवेंद्र बहादुर सिंह के राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें वर्ष 2020 में वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया.

अपने व्यक्तित्व से बनाई जनता में पकड़ : Devendra Bahadur Singh

देवेंद्र बहादुर सिंह ने शिक्षा के क्षेत्र में स्नातक की डिग्री हासिल की है. उन्होंने वर्ष 1978 में हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की, इसके बाद बस 1984 में स्वर्गीय वीरेंद्र बहादुर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक में बीए किया. वे छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ राजनीतिज्ञों में से एक हैं. उनका जनता के साथ जुड़ाव काफी अहम है, वे जनता से जमीनी स्तर पर जुड़े हैं तथा समय-समय पर भी जनता से उनकी समस्याओं को लेकर वार्ता करते रहते हैं. विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह का सहज स्वभाव ही उनके और जनता के बीच रिश्तों को मजबूती प्रदान करता है.

इसी कारण वह लगातार कई बार विधायक बन चुके हैं और वर्ष 2018 में वह चौथी बार विधायक चुने गए हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में वह एक स्पष्ट छवि वाले नेता हैं. छत्तीसगढ़ की राजनीति में उनका व्यक्तित्व ऐसा है कि पक्ष और विपक्ष दोनों ही उनके व्यक्तित्व से प्रभावित रहते हैं. राजनीतिक मतभेद होने के बाद भी उन्होंने कभी किसी पर व्यक्तिगत कटाक्ष नहीं किया है.

पिछले चुनाव में पार्टी के काम आया उनका अनुभव

वर्ष 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, तो इसमें विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह का अहम योगदान था. विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह ने तत्कालीन रमन सिंह की सरकार के खिलाफ चल रहे जन आंदोलनों को तेज करने के लिए उनमें भाग लिया. साथ ही उनका आदिवासी समाज के अलावा अन्य जगहों पर प्रभाव भी कांग्रेस के काम आया और पूर्ण बहुमत की सरकार बनी. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने देवेंद्र बहादुर सिंह को उनका उचित सम्मान दिया और उन्हें वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया. इससे पूर्व में वे कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने लगभग दो दशक तक विधायक के रूप में कार्य किया है.

इन दो दशकों में उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य किए हैं. उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता उनके कार्यकाल से काफी संतुष्ट दिखाई देती है. उनके समर्थकों का मानना है कि आने वाले चुनाव में बड़ी ही आसानी से विधायक देवेंद्र बहादुर सिंह पुनः जीत हासिल करेंगे. उनके समर्थकों का कहना है कि देवेंद्र बहादुर सिंह किसी पद के मोहताज नहीं है, उनकी पहचान स्वयं में ही है. लेकिन फिर भी जब सरकार बनेगी, तो उन्हें उनका उचित सम्मान दिया जाएगा और किसी वरिष्ठ पद पर आसीन होंगे.

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