Former CM Kamalnath : कमल को हराने के लिए बागेश्वर धाम सरकार को अपना नाथ बना बैठे मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम

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Former CM Kamalnath
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Former CM Kamalnath : मध्यप्रदेश में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होना है. इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने-अपने तरीके आजमा रहे हैं. दोनों ही पार्टियां चुनाव जीतने के लिए सक्रिय हो चुकी हैं. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का एक अलग ही चेहरा दिखाई दिया है. उन्होंने कांग्रेस को सेक्युलर वाली राजनीति से हटकर हार्ड हिंदुत्व की राजनीति शुरू कर दी है. जी, हां! आजकल बाबा बागेश्वर धाम बड़ी चर्चा में है और अगर देखा जाए तो उनका काफी प्रभाव भी है.

वह हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, ऐसे में बाबा बागेश्वर धाम के सहारे वोट की राजनीति करना भी आसान है. चुनाव जीतने के लिए और मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने के लिए कमलनाथ को अपने काम और अपने पार्टी के शीर्ष नेताओं से अधिक भरोसा बाबा बागेश्वर धाम पर है. वह इस समय तन-मन-धन से पूरी तरह बाबा बागेश्वर धाम के चरणों में समर्पित दिखाई पड़ते हैं. उनके बेटे नकुलनाथ उनको (बाबा) एयरपोर्ट से लेकर हर जगह साथ रहते हैं.

बाबा बागेश्वर धाम सरकार यानि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा में पहुंचे कमलनाथ ने कहा कि वह हनुमान के भक्त हैं और उन्हें हिंदू होने पर गर्व है. उनसे जब एक हिंदू राष्ट्र पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि भारत के 82 फ़ीसदी जनता हिंदू है, तो यह कोई कहने की बात तो है नहीं, ये हिंदू राष्ट्र ही है. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि कमलनाथ की हार्ड हिंदू की राजनीति से क्या वास्तव में कांग्रेस को फायदा होगा या इसका उलट होगा और कमलनाथ को नुकसान होगा. उनकी अपनी पार्टी में आपस में फ़ूट पड़ेगी, आइए जानते हैं.

कमलनाथ के बयान के सियासी मायने : Former CM Kamalnath

मध्य प्रदेश कुछ ही महीने में अब विधानसभा चुनाव होने वाले है. बाबा बागेश्वर धाम कई बार हिंदू राष्ट्र, सनातनी धर्म, देश में रहने वाले लोग सनातनी हैं जैसे बयान देते रहे हैं. इन बयानों के कारण ही बाबा बागेश्वर को बीजेपी के हिंदुत्व से जोड़कर देखा जाता रहा है.ऐसे में उनके कथा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का परिवार सहित पहुंचना और बागेश्वर का पूर्व सीएम का तारीफ करना, एक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. हालांकि कमलनाथ के कथा में जाने और हिंदुत्व को लेकर इतने बड़े बयान एक और चर्चा ने जोर पकड़ ली है और वह यह है कि क्या कमलनाथ कांग्रेस की सेक्युलर राजनीति छोड़ धर्म की राजनीति कर रहे हैं.

इंडिया गठबंधन कमलनाथ के बयान से खुश नहीं 

कमलनाथ ने हिंदुत्व को लेकर जो बयान दिए उससे विपक्ष का नया गठबंधन है, इंडिया, खुश नहीं दिखाई दे रहा है. गठबंधन में इस तरह के बयान को लेकर विरोध के सुर देखने को मिलने लगे हैं.

कमलनाथ के इस बयान पर तो आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि कमलनाथ इंडिया गठबंधन की विचारधारा के खिलाफ बर्ताव कर रहे हैं और आलाकमान को उन्हें तलब करना चाहिए.

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