जगदगुरु परमहंस को आगरा में प्रवेश करने से रोका, शिष्यों के साथ भी हुआ दुर्व्यवहार
जगदगुरु परमहंस को आगरा में प्रवेश करने से रोका, शिष्यों के साथ भी हुआ दुर्व्यवहार
जगद्गुरु परमहंस आचार्य नो आरोप लगाया है कि भगवा धारण करने की वजह से उनको व उनके शिष्यों को ताजमहल देखने के प्रवेश से रोका गया। बताया जा रहा है कि वे अयोध्या से आगरा आए थे। उनका कहना है कि भगवा कपड़े पहनने की वजह से उनका अंदर प्रवेश से रोका गया। इतना ही नहीं उनके शिष्यों के साथ भी पुलिसकर्मियों द्वारा धक्का मुक्की की गई। इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा परमहंस ने नहीं की थी, जिसके चलते उनको गुस्सा आ गया और उन्होनें इस बात की शिकायत योगी आदित्यनाथ से करने की बात भी कही।
खबरों की माने तो जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा है कि वह पहली बार ताजमहल गए थे, लेकिन वहां पर दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने बकाया ताज देखने के लिए टिकट खरीदा था, जिसके बाद भी उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। उनका आरोप है कि सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि भगवा कपड़े और लोहे के धर्मदंड के कारण उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। परमहंस ने बताया कि ताजमहल परिसर में हमारे साथ हुए व्यवहार को देख मौके पर मौजूद लोग भी नाराज हो गए।
बताया जा रहा है कि घटना शाम साढ़े पांच बजे की बताई जा रही है। सुरक्षा कर्मियों ने परमहंस को ताज के प्रवेश द्वार तक जाने वाले गोल्फ कार्ट में बिठाया था। परमहंस के साथ उनका सरकारी गनर भी था। टिकट खरीदने के बाद उसके पैसे लौटा दिए गए। आरोप है कि परमहंस के शिष्य ने फोटो खींचने का प्रयास किया तो मोबाइल छीनकर फोटो डिलीट कर दी।
इस मामले में पुरातत्व विभाग के सुप्रिटेंडेंट आरके पटेल का कहना है कि उन्होंने टिकट चेक करने वालों से बात की है, लेकिन उन्हें कुछ नहीं पता। इस संबंध में सिक्योरिटी स्टाफ से भी बात की है। वह खुद साइट पर जाकर सीसीटीवी फुटेज चेक करेंगे। उन्होंने बताया कि सुरक्षाकर्मियों ने उनसे लोहे का डंडा वहीं रखने को कहा था, लेकिन वह तैयार नहीं हुए। उन्होंने बताया कि किसी भी धार्मिक वेशभूषा, टोपी या कुछ लिखे हुए अंगवस्त्र पहनकर ताजमहल जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।