KN Lepcha:सिक्किम का एक ऐसा नेता जिसके नाम के साथ काम बोलता है
नई दिल्ली:के•एन•लेप्चा सिक्किम की जनता के लिए एक ऐसे नेता के रूप में उभर के आये जिसे वहा के लोग मसीहा का तबका देने से कभी पीछे नहीं हटते, उनका मानना है की के•एन•लेप्चा सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि जनता के सच्चे सेवक है जिसकी समस्त राजनीति सिर्फ जनता के हित के लिए हैं..
अवध टीवी की टीम’ने जब उनके बारे में और खोजबीन की तो उनके कार्यो के बारे मेँ और भी कई रोचक बाते जानने को मिली जिसके बारे में हम नीचे क्रमबद्ध तरीके से समझाएंगे लेकिन उससे पहले अगर उनके लिए ये पंक्तिया QUOTE की जाये तो शायद कोई अतिशियोक्ति नहीं होगी
“पिछड़े क्षेत्र की हर पिछड़ी, तस्वीर बदल दी
क्षेत्र के भाग्य की लिखी हर, तक़दीर बदल दी
नेताजी जनता के विश्वास पर आप, खरे उतरे हैं
आपने खुशियां में जनता की हर, पीर बदल दी”
अब जानते हैं की नेता जी ने ऐसा क्या किया की सिक्किम से लेकर पुरे भारत में ही नहीं बल्कि भारत देश के बाहर भी लोग उन्हे जानने पहचानने लगे…
आपको बता दें लेप्चा सिक्किम के शिक्षा मंत्री है और उन्होंने जो काम किया है वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी नहीं कर पाए,चाहे वो स्कूलों में बच्चों से बातचीत करके उनकी समस्या को सुनना या फिर बच्चों के अभिवाहकों से मीटिंग करके उनकी समस्या समझना और स्कूलों की हालत पहले से बेहतर बना देना और उनमें अच्छी व्यवस्था करवा देना.
रिपोर्ट के मुताबिक सिक्किम में तैनात नये आईएएस से शिक्षा विभाग की मीटिंग किया जाता है और उनसे नई तकनीक की शिक्षा पर विस्तृत जानकारी लिया जाता है क्योंकि वो हाल ही में सिविल सर्विसेज में गये होते हैं तो उनके पास पढ़ाई का पूरा तजुर्बा रहता है जो सिक्किम के शिक्षा मंत्री के•एन•लेप्चा बच्चो के सुनहरे भविष्य के लिए उपयोग कर रहे हैं.
उनका कार्य होता है कि वो आईएएस को शिक्षक के साथ बैठाकर नया-नया पाठ्यक्रम पर चर्चा करते है और बच्चो को कैसे सबसे आगे ले जाया जाए इसपर काम करते हैं.
यही सबसे बड़ी वजह है कि हाल ही में एक सर्वे के मुताबिक शिक्षा मंत्री KN Lepcha को सिक्किम के सबसे ज्यादा एक्टिव मंत्रियों में देखा गया है और लोग सबके जादा उन्हें पसंद करते हैं.
सिक्किम के वर्तमान मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के सबसे करीबी मंत्री में शिक्षा मंत्री का नाम ही आता है जिनके ऊपर मुख्यमंत्री को सबसे जादा भरोसा है.
सूत्रों का कहना है कि मंत्री जी कभी-कभी अस्पताल में बिना किसी को बताए चले जाते हैं लोगों का हालचाल जानने के लिए और उनका हर संभव मदद करने के लिए जिससे लोग उन्हें अपना भगवान मानते हैं.