Mohan Marakam : छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम से जुड़ी कुछ खास बातें

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Mohan Marakam
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Mohan Marakam : मोहन मरकाम छत्तीसगढ़ के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. मोहन मरकाम को छत्तीसगढ़ में आदिवासी नेता के रूप में पहचान प्राप्त है. वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य हैं. मोहन मरकाम छत्तीसगढ़ विधानसभा में बस्तर क्षेत्र के कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र से वे लगातार दो बार निर्वाचित हो चुके हैं. उन्होंने पहली बार वर्ष 2013 में जीत दर्ज की थी. मोहन मरकाम छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ राजनीतिज्ञ में गिने जाते हैं, उन्होंने वर्ष 2018 से लेकर 2023 तक लगभग साढ़े चार साल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली है. मोहन मरकाम के नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के बस्तर आदिवासी क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूती प्रदान की है. वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ कैबिनेट के सदस्य हैं और उन्हें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. छत्तीसगढ़ की राजनीति में मोहन मरकाम ने अपनी पहचान अपने संघर्षों की दम पर बनाई है.

 

अनुभवी और समाज की आवाज उठाने वाले नेता

छत्तीसगढ़ में प्रमुख आदिवासी नेता और वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम एक शिक्षित और अनुभवी राजनेता हैं. मोहन मरकाम का जन्म कोंडागांव जिले के ग्राम टेड़मुड़ा में हुआ था. शिक्षा के क्षेत्र में वे MA की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने भूगोल से MA किया है. मोहन मरकाम छत्तीसगढ़ की राजनीति में स्पष्ट छवि वाले नेता हैं. वे जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ाव रखते हैं. उन्होंने जनता की तमाम समस्याओं को सरकार से बातचीत करके और अपने स्तर से सुलझाया है. मोहन मरकाम बस्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने बस्तर में जनजाति तथा आदिवासियों के जीवन को सुलभ बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं. आदिवासियों को रोजगार दिया जा सके तथा उनके भोजन पानी का उचित प्रबंध हो इसके लिए वह लगातार संघर्षरत हैं तथा आदिवासियों को उनका हक दिलाने के लिए वह हमेशा आवाज उठाते रहते हैं.

 

संघर्षों से भरा सफल राजनीतिक जीवन : Mohan Marakam

मोहन मरकाम के राजनीतिक सफर में संघर्ष जरूर रहा है, लेकिन सफलता ने भी सदैव उनके चरणों चूमें हैं. उन्होंने अपने संघर्ष के दम पर अपनी पहचान खड़ी की है. मोहन मरकाम वर्ष 2013 में चुनाव लड़ने से पहले छत्तीसगढ़ की राजनीति में वर्षों से सक्रिय थे और अपने क्षेत्र तथा अपने लोगों की आवाज को उठाने के लिए कई आंदोलन में खड़े हुए हैं. वह एक तरह से अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनका क्षेत्र भी उनसे सहमत दिखाई पड़ता है. उन्होंने अपना चुनाव वर्ष 2013 में प्रथम बार लड़ा और जीत दर्ज की लेकिन तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में नहीं आई. इसके बावजूद उन्होंने अपने क्षेत्र में कई विकास कार्य किए. इसके बाद वर्ष 2018 में वे पुनः छत्तीसगढ़ विधानसभा में कोंडागांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रतिनिधित्व के लिए चुने गए और इस बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से आई थी.

छत्तीसगढ़ की शुरुआती सरकार में उन्हें मंत्री पद नहीं मिला, लेकिन उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी, जो कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के रूप में दी गई, जिसका उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से दायित्व निर्वहन किया. वर्ष 2013 से लेकर वर्ष 2021 तक वह विधानसभा में तमाम समितियों में सदस्य एवं सभापति रहे. इसके बाद वर्ष 2023 में जब उन्हें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर दीपक बैज को यह जिम्मेदारी दी गई, तो मोहन मरकाम को छत्तीसगढ़ कैबिनेट में शामिल किया गया. उन्हें अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सौंपी गई.

 

अपने समाज पर विशेष प्रभाव : Mohan Marakam

मोहन मरकाम का कांग्रेस के साथ होना कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी मजबूती है, क्योंकि उनका प्रभाव बस्तर सहित विशेष जनजातियों पर है तथा आदिवासी जीवन पर उनका विशेष प्रभाव है, क्योंकि उन्होंने उनके हक की लड़ाई लड़ी है. आदिवासियों की हक की लड़ाई लड़ने के कारण आदिवासी समूह मोहन मरकाम को अपने सिर माथे पर रखता है और उनकी बात को गंभीरता से लेता है. मोहन मरकाम सिर्फ बस्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ही नहीं करते हैं बल्कि बस्तर क्षेत्र में हो रहे विकास तथा सरकार की बस्तर क्षेत्र के लिए विशेष नीतियों में कहीं ना कहीं मोहन मरकाम का योगदान है. बस्तर क्षेत्र तथा आदिवासी समूह पर उनका विशेष प्रभाव ही इस बात का कारण है कि उन्हें सरकार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसका वह पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन कर रहे हैं. बस्तर क्षेत्र की जनता उनके कार्यकाल से काफी खुश है. छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें मोहन मरकाम की भूमिका अहम रहेगी.

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