Narayan Rane In Loksabha : सरकार के खिलाफ आया अविश्वास प्रस्ताव, तो अपना आपा खो बैठे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे
Narayan Rane In Loksabha : मंगलवार 8 अगस्त को संसद में काफी गहमा-गहमी देखने को मिली. विपक्ष ने मणिपुर की हिंसा के चलते केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है, इसी पर लोकसभा में चर्चा शुरू हुई है. लोकसभा की स्थितियां भी बदल चुकी हैं, निलंबित हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो गई है. अब बे लोकसभा में दिखाई देंगे. इसी अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के बीच में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे लोकसभा में अपना आपा खो बैठे.
आपा खोते हुए केंद्रीय मंत्री भाषा की मर्यादा भूल गए और उन्होंने अपने साथी सांसद अरविंद सावंत को सख्त अंदाज में बैठने के लिए कहा. चर्चा के दौरान राणे ने अरविंद सावंत से कहा, “अरे नीचे बैठ”. जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर हस्तक्षेप किया, तो मंत्री ने कहा कि सावंत के पास प्रधानमंत्री मोदी का गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ बोलने की औकात नहीं है.
लोकसभा में बोले नायाराण राणे ‘औकात नहीं है’
उन्होंने कहा, “औकात नहीं है इनकी प्रधानमंत्री जी, अमित शाह के बारे में बोलने की…अगर कुछ भी बोला तो तुम्हारी औकात मैं निकालूंगा. अगर आप कुछ कहो, मैं तुम्हें तुम्हारी जगह दिखाऊंगा.” जैसे ही लोकसभा का वीडियो वायरल हुआ, नारायण राणे को संसद के अंदर अपने शब्दों के चयन के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा.
सरकार पर हमलावर हुई शिवसेना और आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी के मंत्री ने सड़क के गुंडे की भाषा का इस्तेमाल करते हुए संसद के अंदर धमकी दी और बच गए, जबकि विपक्षी सांसदों को “मोदी सरकार से सवाल पूछने” के लिए निलंबित कर दिया गया है.
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह आदमी एक मंत्री है. यहां वह इस सरकार के मानक को प्रदर्शित करता हुआ दिखाई दे रहा है और यह कितना नीचे जा सकता है.”
अरविंद सावंत की इस बात पर बोले नारायण राणे : Narayan Rane In Loksabha
शिवसेना छोड़ने वालों पर निशाना साधते हुए अरविंद सावंत ने कहा, “तब पीएम मोदी ने 36 सेकंड तक बात की थी…वे अब हमें हिंदुत्व सिखा रहे हैं और हम हिंदुत्व के साथ पैदा हुए हैं. जो लोग हिंदुत्व का पालन करते हैं वे पार्टी नहीं छोड़ते. पीएम मोदी एनसीपी को ‘नेशनल करप्ट पार्टी’ कहा और फिर वे महाराष्ट्र में सरकार में शामिल हो गए.