Reverse Migration Arunachal Pradesh : अपने क्षेत्र में फिर से वापस लौट रहे अरुणाचल प्रदेश के लोग विधानसभा स्पीकर ने दी जानकारी

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Reverse Migration Arunachal Pradesh : अरुणाचल प्रदेश भारत का सबसे पूर्वी राज्य है और इसकी सीमाएं चीन और तिब्बत के साथ लगती हैं. अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांवों में सुविधाओं के अभाव में माइग्रेट कर गए लोग अब फिर से अपने गांव लौटने लगे हैं. अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर पसांग दोरजी सोना ने सोमवार को यह जानकारी दी.

दूर हुआ मूलभूत सुविधाओं का अभाव

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सुदूर गांवों में विकास हुआ है. अब वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसीलिए लोग अपने गांवों में लौट रहे हैं. उन्होंने कहा, पहले इन गावों में मूलभूत सुविधाओं के अभाव था. हेल्थकेयर और शिक्षा की सुविधा नहीं थी. लंबे समय से इस क्षेत्र को नजरअंदाज किया जा रहा था.

मेचुका से विधायक हैं पासंग दोरजी : Reverse Migration Arunachal Pradesh

पसांग दोरजी सोना अरुणाचल प्रदेश के शियोमी जिले की मेचुका विधानसभा सीट से विधायक हैं. कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री असोसिएशन की दो दिनों की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि सीमावर्ती गांवों की स्थिति में सुधार हुआ है. अब यहां मूलभूत जरूरतों के लिए लोगों को तरसना नहीं पड़ता. उन्होंने यह भी कहा कि रिवर्स माइग्रेशन देश की सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है.

उन्होंने कहा कि मेचुका में डबल लेन का निर्माण और इंटरनेट कनेक्टिविटी देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है. बता दें कि अकसर इस तरह की रिपोर्ट्स आती रहती हैं कि चीन एलएसी के पास निर्माण कर रहा है या फिर गांव बसा रहा है. सीमा पर भारत के गांवों में सुविधाएं बढ़ाने से चीन को भी मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.

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