Sudeep Roy Barman : त्रिपुरा के ऐसे नेता जिनका चुनाव प्रचार करती है जनता, जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

Sudeep Roy Barman : सुदीप रॉय बर्मन त्रिपुरा के एक राजनीतिज्ञ हैं. उनका राजनीतिक प्रभाव न सिर्फ त्रिपुरा में है, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में दिखाई पड़ता है. वह त्रिपुरा अगरतला विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार छह बार विधायक रहे हैं. उन्होंने हर बार बड़े अंतराल से जीत दर्ज की. सुदीप रॉय बर्मन के पिता समीर बर्मन त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हैं. बर्मन एक शिक्षित और अनुभवी राजनेता है, उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा से की थी. वह लगभग 4 दशकों से त्रिपुरा की राजनीति में सक्रिय हैं. उन्हें बेदाग और मुखर नेता के रूप में जाना जाता है. वह जनता के लिए लगातार बेहतर करने के लिए प्रयासरत रहते हैं. उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में अब तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं.
राजनीतिक जीवन में सदैव मिली सफलता
त्रिपुरा की अगरतला विधानसभा से वर्तमान में विधायक सुदीप रॉय बर्मन का राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी मात नहीं खाई और ना ही कभी पीछे मुड़कर देखा. जनता में उनकी मजबूत छवि और उनके विकास कार्यों के दम पर उन्होंने लगातार छह बार चुनाव में जीत दर्ज की है. इसके चलते अगरतला को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है, लेकिन अगर जनता की माने तो अगरतला कांग्रेस का नहीं बल्कि सुदीप रॉय बर्मन का गढ़ है. यहां सुदीप रॉय बर्मन चाहे जिस पार्टी से भी चुनाव लड़े जीत उन्हीं की होगी. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा से अपनी शुरुआत करने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ा. वर्ष 1998 में उन्होंने अपनी पहली जीत दर्ज की इसके बाद वह लगातार छह बार विधायक बने.
कई मंत्रालयों की रही जिम्मेदारी : Sudeep Roy Barman
सुदीप रॉय बर्मन ने अपने राजनीतिक जीवन में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी को भी संभाला है. उन्होंने बिप्लब देव की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली. इसके साथ-साथ ही उन्होंने पीडब्ल्यूडी, उद्योग एवं वाणिज्य तथा विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली है. सुदीप रॉय बर्मन को मुखर और स्पष्टवादी नेता के रूप में पहचान प्राप्त है. वह अपने सिद्धांतों के प्रति बेहद पक्के हैं. उन्होंने वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी लाइन से बाहर जाकर क्रास वोटिंग की थी.

युवाओं को प्रेरित करता है व्यक्तिगत जीवन
सफल राजनीतिक जीवन के साथ-साथ सुदीप रॉय बर्मन व्यक्तिगत जीवन में बेहद सहज और सरल स्वभाव वाले इंसान हैं. वह सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. सुदीप रॉय बर्मन दहेज विरोधी आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल है और वह रक्तदान शिविरों में सक्रिय भागीदारी के लिए त्रिपुरा में एक प्रसिद्ध व्यक्ति हैं. उनके नेतृत्व में अब तक लगभग 200 से अधिक यूनिट रक्तदान किया गया है. उन्होंने वर्ष 2002 में नई दिल्ली में एड्स की रोकथाम पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में भाग लिया इसके साथ ही वह अपने क्षेत्र की जनता को शिक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. हर वर्ष वह वंचित छात्रों को किताबें वितरित करते हैं, साथ ही उनके शिक्षा की अन्य जिम्मेदारियों को भी उठाते हैं. उनके क्षेत्र की जनता का मानना है कि विधायक सुदीप रॉय बर्मन का स्वभाव बेहद सरल है, जिसके चलते ही वह जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ पाते हैं.
शिक्षित और अनुभवी जननेता : Sudeep Roy Barman
सुदीप रॉय बर्मन एक शिक्षित और अनुभवी राजनेता है. उन्होंने वर्ष 1989 में कोलकाता विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1992 में त्रिपुरा विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. वर्ष 2023 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़े थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को एक बड़े अंतराल से हराया था. त्रिपुरा के साथ-साथ उनका प्रभाव मेघालय, नागालैंड और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भी है. यहां वह पार्टी को लगातार जमीनी स्तर पर मजबूत करते रहते हैं. वर्तमान में भले ही वह विधायक है लेकिन उन्होंने जब भी चाहा है तो त्रिपुरा की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर किया है. त्रिपुरा के कई विधायक उनके विचारों से प्रभावित रहते हैं तथा उनका समर्थन करने के लिए सदैव खड़े रहते हैं. उन्होंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली है.
विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने अपने क्षेत्र में जनता के लिए अभूतपूर्व विकास किया है. उन्होंने लगातार छह बार चुनाव जीता है, उनके अब तक के कार्यकाल में जनता का जीवन सुगम बना है. उनके क्षेत्र की जनता उनके कार्यकाल से काफी प्रसन्न इसीलिए जनता उनके सिर पर जीत का ताज पहनाती है और उन्हें बार-बार चुनकर विधानसभा भेजती है.