Sudhanshu Trivedi : आखिर क्यों बोले सुधांशु त्रिवेदी, हिंदू मुफ्त बिजली के लिए देता है वोट,भाजपा से सांसद हैं त्रिवेदी
वोटबैंक की राजनीति पर हमेशा से ही बहस होती रही है. कांग्रेस समेत तमाम दलों पर मुस्लिमों को एक वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करने का आरोप बीजेपी हमेशा से लगाती रही है. वहीं, इस मुद्दे पर एक बहस के दौरान बीजेपी राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने कहा कि मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करती है. गरीब और वंचितों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ 70 फीसदी अल्पसंख्यकों परिवार लेता है. उन्होंने कहा कि ये सोचने की बात है, इसके बावजूद बीजेपी को वोट नहीं मिलता है.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हिंदू समाज के लोग 700 रुपये की बिजली के लिए किसी को भी वोट देने के लिए तैयार हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता इस तरह की बनाई जा रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि ये विचार करने का विषय है, हम सबको दे रहे हैं, फिर भी कोई उस लाभ को लेने के बाद विकास से संबंध न रखकर मन में किसी द्वेष से संबंध रख रहा है, तो हमें इसका निवारण या परिमार्जन करने की जरूरत है.
ईस्ट से वेस्ट तक राम का नाम है-Sudhanshu Trivedi
बीजेपी के राज्यसभा सांसद ने कहा कि इजिप्ट के फैरो राजाओं का नाम सुना है, उनके पहले राजा का नाम था रामसे. अब सोचिएगा कि इसमें राम कहां से आ गया? उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह जॉर्डन रिवर के वेस्ट बैंक के पास, जहां इजरायल और फिलिस्तीन के बीच लड़ाई होती है, इजिप्ट का एक बड़ा शहर है. उसका नाम है रामअल्लाह. उन्होंने कहा कि अल्लाह समझ में आता है, लेकिन वहां राम कहां से आ गया?
धर्म पर लगा कुंहासा छंटने लगा है-Sudhanshu Trivedi
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हमारा नया साल मार्च से शुरू होता है. पश्चिमी नया साल जनवरी में शुरू होता है. दोनों में दो महीनों का अंतर है. उन्होंने कहा कि जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल किसके नाम पर हैं, ये जाकर कोई भी इंटरनेट पर देख सकता है. जूलियस सीजर के नाम पर जुलाई है, अगस्टस सीजर के नाम पर अगस्त है. जिस राजा को बड़ा दिखाना था, उसने अपना 31 का महीना कर दिया.
उन्होंने कहा कि जनवरी से शुरू होने वाले नए साल में चार महीने ऐसे हैं, जिनका उल्लेख नहीं मिलता कि ये कहां से हैं? उन्होंने कहा कि सितंबर क्या है, ग्रेगोरियन कैलेंडर का 9वां महीना और हमारे कैलेंडर का 7वां महीना. उन्होंने कहा कि संस्कृत में अंबर को आकाश कहते हैं. जब 12 राशियों में इसे बांटते हैं, तो सूर्य जब सप्त अंबर में है, तो सितंबर. अष्ट अंबर में है, तो अक्टूबर. नवम अंबर में है, तो नवंबर. दशम अंबर में है, तो दिसंबर होता है. उन्होंने कहा कि जिनको यकीन न हो, इन महीनों के उत्पत्ति का उल्लेख मुझे बताएं.