Takam Pario : अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता जो जनता के दिलों पर करते हैं राज, पूर्वोत्तर की राजनीति में खास दबदबा
तकम पारियो (Takam Pario) अरुणाचल प्रदेश के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वह एक अनुभवी और शिक्षित राजनीतिज्ञ हैं. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के रूप में भी कार्य किया है. उन्होंने वर्ष 2009 के सामान्य विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. इसके साथ ही वह 2014 में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्होंने जीत दर्ज की. वर्ष 2014 के विधानसभा क्षेत्र में तकम पारियो ने पॉलिंग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और उन्होंने एक अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज की. उन्होंने क्षेत्र की जनता के लिए बहुत काम किया है और अरुणाचल प्रदेश के राजनीति में उनका कद बहुत बड़ा है. वह अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री हो सकते थे, उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया गया था, लेकिन भाग्य को कुछ और ही मंजूर था.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर : Takam Pario
अरुणाचल प्रदेश की पॉलिंग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे तकम पारियो अरुणाचल की राजनीति में एक बड़ा कद रखते हैं. वह आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक रूप से सक्षम व्यक्ति हैं. अरुणाचल की राजनीति में अपने सिद्धांतों और अपनी छवि के कारण एक व्यक्तित्व की भांति जाने जाते हैं. उन्होंने वर्ष 2009 तथा 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. वह एक समय में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे. यह बात 30 दिसंबर 2016 की है. जब पेमा खांडू और पार्टी के अन्य 6 विधायकों को पार्टी अध्यक्ष द्वारा निलंबित कर दिया गया. तब तकम पारियो का नाम अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए नामित किया गया था. उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया था, लेकिन राजनीतिक उलटफेर के चलते वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में ही कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है. अरुणाचल प्रदेश की सरकार में सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग मंत्री रहे.
व्यक्तित्व के धनी हैं तकम पारियो
पूर्व विधायक तकम पारियो का राजनीतिक जीवन काफी सफल रहा इसमें कोई दो राय नहीं है. भले ही वह वर्तमान में किसी पद या सरकार में नहीं है लेकिन उनका राजनीतिक प्रभाव आज भी है. वह अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में उलटफेर करने में सक्षम हैं. उनके समर्थन में प्रदेश के कई विधायक रहते हैं. पूर्व में विधायक रहे तकम पारियो को अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में उनके स्पष्ट सिद्धांतों और मुखर नेता के रूप में जाना जाता है. तकम पारियो के राजनीतिक जीवन के साथ-साथ उनका सामाजिक जीवन भी काफी सफल हैं. वे जनता के साथ क्षेत्र तथा राज्य के तमाम मुद्दों पर परस्पर संवाद करते रहते हैं. इसके साथ ही जनता उन्हें खुद से जुड़ा हुआ महसूस करती है. जब वर्ष 2016 में अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू मुख्यमंत्री थे, तो उस सरकार में तकम पारियो की सक्रिय भूमिका थी.
क्षेत्र में दिया विकास को बल
पूर्व में नेता प्रतिपक्ष रहे तकम पारियो ने अपने विधानसभा क्षेत्र में अपने कार्यकाल के दौरान काफी विकास किया है. उन्होंने मंत्री रहते हुए अपने दायित्व का कर्तव्य पूर्ण तरीके से निर्वहन किया है, जिसके सकारात्मक प्रभाव अरुणाचल प्रदेश में देखने को मिले हैं. अरुणाचल प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल सके उन्होंने मंत्री रहते हुए इस बात पर काफी बल दिया और उनका चुनावी मुद्दा भी यही था, कि उनके क्षेत्र की जनता के जीवन को सुगम बनाया जा सके. तकम पारियो का चुनावी मुद्दा भी यही था की वहां के युवाओं को रोजगार तथा अपनी आजीविका चलाने हेतु साधन उपलब्ध हों.
उनके क्षेत्र की जनता समर्थकों और कार्यकर्ताओं का मानना है कि पूर्व में दो बार विधायक रहे तकम पारियो पुनः जीतकर सदन में पहुंचेंगे और वह सदन की गरिमा बढ़ाएंगे. इसके साथ ही आने वाले समय में यदि कांग्रेस या कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है, तो तकम पारियो ही संभावित मुख्यमंत्री होंगे