Toko Sheetal Arunachal Pradesh : जानिए कौन हैं टोको शीतल जिनको मिल रहा जनता का भरपूर समर्थन, किरण रिजिजू के खिलाफ लड़ेंगी चुनाव
Toko Sheetal Arunachal Pradesh : टोको शीतल (Toko Sheetal) अरुणाचल प्रदेश की एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. वर्तमान में उनकी उम्र लगभग 41 वर्ष है. अरुणाचल प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ टोको शीतल लगातार कई वर्षों से आवाज उठा रही हैं. अरुणाचल प्रदेश में उन्होंने संगठन बनाकर भ्रष्टाचार का विरोध किया. टोको शीतल अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन(Arunachal Against Corruption) संगठन की चेयरपर्सन (AAC Chairperson Toko Sheetal) थीं.
टोको शीतल ने हाल ही में गण सुरक्षा पार्टी ज्वाइन की है और वह गण सुरक्षा पार्टी की अरुणाचल इकाई की प्रदेश अध्यक्ष (Gana Suraksha Party Arunachal Pradesh President) भी हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ टोको शीतल अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली तक पैदल मार्च कर चुकी हैं. क्षेत्र के साथ-साथ पूरे अरुणाचल प्रदेश की जनता टोको शीतल को समर्थन दे रही है, उनके साथ लगातार जुड़ रही है. ऐसा माना जा रहा है कि शीतल अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही हैं.
दिल्ली चलो PMO की ओर – Toko Sheetal
कई वर्षों पूर्व से टोको शीतल सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती आ रही है. क्षेत्र के हर मुद्दे को वह प्रमुखता से उठाती हैं. अरुणाचल प्रदेश की जनता टोको शीतल को अपनी आवाज के रूप में देखती है. अरुणाचल प्रदेश की जनता का छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा मुद्दा टोको शीतल हरसंभव मंच पर उजागर करती हैं. अरुणाचल प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ शीतल ने लगातार आंदोलन किया. उन्होंने “दिल्ली चलो पीएमओ की ओर” नारा देकर अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली तक पूरे लोकतांत्रिक तरीके से पैदल मार्च किया और जंतर मंतर पर भी धरना दिया.
राजनीति में आने से मजबूत होगा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन : Toko Sheetal Arunachal Pradesh
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लडाई को और मजबूत करने के लिए अपने आंदोलन को बल देने के लिए टोको शीतल वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव (Toko Sheetal in Loksabha Election) में गण सुरक्षा पार्टी की उम्मीदवार होंगी. उन्होंने स्वयं को पश्चिम अरुणाचल प्रदेश से सांसद उम्मीदवार को घोषित किया है. टोको शीतल को लोगों का समर्थन मिला है, खासकर उनको युवाओं का समर्थन मिल रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि राज्य की लगभग 15 लाख आबादी में से 9 लाख से अधिक लोग उनके साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं. अरुणाचल अगेंस्ट करप्शन संगठन (AAC) को प्रदेश में बच्चा-बच्चा जानता है कि किस प्रकार इस संगठन की चेयरपर्सन टोको शीतल ने प्रदेश के भ्रष्टाचार को उजागर किया.
क्या था टोको शीतल की पैदल मार्च का उद्देशय??
पैदल मार्च को लेकर शीतल ने कहा था कि हमारा मुख्य उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करना था, ताकि केंद्र सरकार राज्य सरकार के भ्रष्टाचार को रोक सके. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति, गृहमंत्री और पश्चिम अरुणाचल प्रदेश से सांसद किरण रिजिजू को ज्ञापन सौंपा था. साथ ही जंतर मंतर पर धरना भी दिया था. आगे टोको शीतल कहती हैं कि यह बहुत अफसोस की बात थी, कि जब मुझे खाली हाथ ही अपने राज्य दिल्ली से लौटना पड़ा था.
मुख्यमंत्री से कोई समझौता नहीं ख़बरें निकलीं अफवाह
शीतल अरुणाचल प्रदेश के भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार निडर होकर आंदोलन कर रही हैं. बीच में यह अफवाह फैलाई गई कि उन्होंने मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ समझौता कर लिया है. इस पर जवाब देते हुए टोको शीतल ने कहा कि मैं अरुणाचल प्रदेश की जनता की आवाज को दबने नहीं दूंगी. उन्होंने यह खुलासा किया कि उनके पति और वह एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भ्रष्टाचार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके 2020 से लगातार अब तक भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं.
जनता के अनुरोध पर चुनाव लड़ने का फैसला : Toko Sheetal Arunachal Pradesh
शीतल ने कहा मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं, लेकिन राज्य की जनता के अनुरोध पर मैं एक राजनीतिक पार्टी से जुड़ गई हूं और अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह अपनी गण सुरक्षा पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए काम करेंगीं. इसके लिए उन्हें जनता का भरपूर सहयोग भी मिल रहा है, खासकर युवा उनके साथ तेजी से जुड़ रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश की पश्चिम लोक सभा सीट वही लोकसभा सीट है, जिससे वर्तमान में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू सांसद है.