Mumbai Hanuman Chalisa Dispute : राणा दंपत्ति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
Mumbai Hanuman Chalisa Dispute : राणा दंपत्ति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
मुंबई में हनुमान चालीसा के जाप पर हो रहे घमासान ने अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा की मुश्किलें इस कदर बढ़ा दी की उनको सलाखों के पीछे डाल दिया गया है। आज दोनों नेताओं की कोर्ट में पेशी थी, जिसपर उनको कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा। जी हां कोर्ट ने उन दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
आपको बता दें कि नवनीत राणा ने कहा था कि वो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। उन्होंने इसके लिए शनिवार सुबह 9 बजे तक वक्त दिया था। लेकिन शनिवार को इससे पहले ही शिवसेना के कार्यकर्ता खार स्थित उनके घर पर जमा हो गए थे, जिसके चलते वो घर से बाहर नहीं निकल पाई। इसके बाद शाम के वक्त मुंबई पुलिस ने उनको उनके पति के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
बता दें कि पुलिस ने शनिवार को सांसद नवनीत और रवि राणा को धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था। आज कोर्ट में पेशी के वक्त पुलिस की तरफ पुलिस हिरासत की मांग की गयी थी जिसे बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने नकार दिया। अदालत ने दोनों ही पक्षों को 27 अप्रैल तक कोर्ट के सामने जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 29 अप्रैल को होगी।
शनिवार को राणा दंपति की तरफ से वरिष्ठ वकील रिजवान मर्चेंट ने मीडियाकर्मियों को बताया था कि सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा की गिरफ्तारी अवैध है। उन्होंने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध और असंवैधानिक है क्योंकि दोनों लोक सेवक हैं। उन्हें गिरफ्तार करने से पहले अध्यक्ष की अनुमति लेनी चाहिए थी। लेकिन कोई अनुमति नहीं ली गई है। लेकिन अदालत की तरफ से दोनों ही नेताओं को जमानत नहीं दी गयी।
इधर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शनिवार को हुई 2 घटनाओं पर बयान दिया। उन्होंने कहा है कि कल दो घटना घटी है। लगातार दो दिनों से हनुमान चालीसा के नाम पर दंगा हुआ। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों को (राणा दंपति) को गिरफ्तार कर लिया है।
इसके साथ ही कल रात किरीट सोमैया पर जो पथराव हुआ उस मामले में भी पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की ओर से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो घटना हुई वो सही नहीं है, इसपर हर किसी को समझना चाहिए। पुलिस को अलग से आदेश देने की ज़रूरत नहीं है। पुलिस को उनका काम पता है, उन्हें अपना कर्तव्य सही से निभाना चाहिए।