गणेश जी का एक ऐसा मंदिर जहां उल्टा स्वास्तिक बनाकर होती है लोगों की मनोकामनाएं पूरी
गणेश जी का एक ऐसा मंदिर जहां उल्टा स्वास्तिक बनाकर होती है लोगों की मनोकामनाएं पूरी
सभी देवों में प्रथम पूज्य हैं भगवान गणेश। बाप्पा के आपने कई रुप देखे होंगे, कई प्रकार के मंदिर देखे होंगें। पर क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शहर ऐसा भी है, जहां गणेश जी के गोबर रुप की पूजा की जाती है और उल्टा स्वास्तिक बनाकर अपनी फरियाद पूरी करने की गुहार लगाई जाती है। जी हां मध्यप्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान गणेश की गोबर की मूर्ति है। कहा जाता है कि ये मूर्ति भक्तों को मनचाहा वरदान देती है और भक्तों की इच्छाएं पूरी करती हैं।
मध्य प्रदेश के नीमाड़ क्षेत्र में माहेश्वर कस्बे में बाप्पा के दर्शन बड़े ही भव्य रुप में होते हैं। माथे पर मुकुट, गले में हार, और खूबूसरत श्रृंगार बाप्पा के इस मनमोहक रूप में छिपा है भक्तों के हर दुख दर्द का इलाज। गणपति का ये रुप मन मोह लेता है और हैरान भी करता है। क्योंकि यहां भक्तगण गणपति को गोबर गणेश के नाम से पुकारते हैं। माहेश्वर में महावीर मार्ग पर बनी गणपति की ये प्रतिमा गोबर और मिट्टी से बनी है, जिसमें एक बड़ा हिस्सा गोबर का है।
मान्यता है कि आमतौर पर पूजा-पाठ में हम गोबर के गणपति बनाकर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। मिट्टी और गोबर की मूर्ति में पंचतत्वों का वास माना जाता है और खासकर गोबर में तो मां लक्ष्मी साक्षात वास करती हैं। इसलिए गोबर गणेश मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि यहां दर्शन करने से भक्तों को भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद मिलता है।
बाप्पा की प्रतिमा के साथ ही मंदिर का आकार भी भक्तों को हैरान करता है। एक तरफ जहां मंदिर का बाहरी आकार किसी मस्जिद के गुंबद की तरह है, तो वहीं मंदिर के अंदर की बनावट लक्ष्मी यंत्र की तरह लगती है। कहते हैं औरंगजेब के शासन काल में इस मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने का प्रयास किया गया था, जिसके कारण मंदिर के गुंबद का आकार मंदिर की तरह न होकर मस्जिद जैसा है।
बताया जाता है कि गणेश जी की मूर्ति हजारों साल पुरानी है, कहा जाता हैं कि भक्तजन यहां नारियल चढ़ाकर बाप्पा से मनचाहा वरदान पा सकते हैं। इस मंदिर में गणेश भगवान अपनी दोनो पत्नियों रिद्धि और सिद्धि संग विराजमान हैं। भक्तों का कहना है कि यहां आने से उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, और उनका कल्याण होता है। यही वजह है कि भक्त यहां उल्टा स्वास्तिक बनाकर अपनी फरियाद और मनोकामनाएं भगवान तक पहुंचाते हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद यहां आकर सीधा स्वास्तिक बनाते हैं।
महेश्वर के महावीर मार्ग पर स्थित गोबर गणेश मंदिर में दर्शन के लिए साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। विशेषकर गणेश उत्सव और दीपावली के मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ बाप्पा के दर्शनों के लिए उमड़ती है।