Loksabha Election 2024 : अकेले ही लड़ने की तैयारी में ममता बनर्जी, ये उनकी मजबूरी या फिर नई रणनीति

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Loksabha Election 2024 : नॉर्थ-ईस्ट में चुनाव और पश्चिम बंगाल में उपचुनाव के नतीजे आते ही टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने विपक्षी एका को बड़ा झटका दिया. शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि हम चुनाव अकेले लड़ेंगे.ममता ने कहा कि बंगाल में कांग्रेस, लेफ्ट और बीजेपी का अनैतिक गठबंधन बना है. इसलिए हम आम जनता के साथ गठबंधन करके 2024 में अकेले लड़ेंगे. ममता के इस ऐलान से बीजेपी के खिलाफ बन रहे विपक्षी एका को बड़ा झटका लगा है.

एक सवाल के जवाब में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जो लोग भाजपा को हराना चाहते हैं वे निश्चित रूप से तृणमूल कांग्रेस को वोट देंगे. बंगाल में टीएमसी ही बीजेपी से मजबूती से लड़ रही है.

ममता बनर्जी का राजनीतिक इतिहास

युवा कांग्रेस से पॉलिटिकल करियर की शुरुआत करने वाली ममता 1984 में पहली बार जादवपुर सीट से सांसद चुनी गईं. 2011 तक ममता बनर्जी लोकसभा की सांसद रहीं. ममता राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी और मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रह चुकी हैं.

ममता बनर्जी रेल, कृषि, युवा और खनन जैसे विभाग केंद्र में संभाल चुकी हैं. 2011 में कांग्रेस के साथ मिलकर ममता ने वाम का किला बंगाल में उखाड़ फेंका और मुख्यमंत्री बनी. हालांकि, 2012 में कांग्रेस के साथ पटरी नहीं बैठने पर ममता ने गठबंधन तोड़ लिया.

ममता बनर्जी की पार्टी क्या चाहती है : Loksabha Election 2024


हाल ही में एक इंटरव्यू में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी को केंद्र और राज्य दोनों जगहों की राजनीति का अनुभव है. ममता बनर्जी देश में एक मात्र महिला मुख्यमंत्री भी हैं.

इसलिए विपक्ष को चाहिए कि ममता बनर्जी के चेहरे को आगे कर 2024 का चुनाव लड़े. हमने 2021 में बीजेपी को बंगाल में पटखनी भी दी है और सबसे मजबूती से केंद्रीय एजेंसियों से लड़ भी रहे हैं.

कांग्रेस क्यों कर रही है दार्जिलिंग समझौते का जिक्र?

ममता बनर्जी के एकला चलो की नीति पर कांग्रेस नेता दबी जुबान से दार्जिलिंग समझौते का जिक्र करते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव के वक्त ममता बनर्जी ने गठबंधन उम्मीदवार मारगेट अल्वा को समर्थन नहीं देने का ऐलान किया था.

इसके बाद कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि ममता और बीजेपी के बीच दार्जिलिंग में एक समझौता हुआ है. ममता के करीबियों पर एजेंसी कार्रवाई नहीं करेगी. इसलिए ममता बनर्जी ने बीजेपी को समर्थन दिया है. इसके बाद से ही कांग्रेस ममता पर बीजेपी से सांठगांठ का आरोप लगाती रही है.

 

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