Jummum Ete Deori MLA Lekang : आइए जानते हैं लेकांग से भाजपा विधायक जुम्मुम एते देवरी के बारे में कुछ ख़ास बातें और उनसे बारे में जनता की राय
Jummum Ete Deori MLA Lekang : जुम्मुम एते देवरी अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. उनकी उम्र लगभग 46 वर्ष है. जुम्मुम एते देवरी, संजू देवरी की पत्नी है. उन्होंने 2019 में लेकर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और वह जीती थी. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं. जुम्मुम एते देवरी का अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने 12वीं की डिग्री प्राप्त की है. अरुणाचल प्रदेश की लेकांग विधानसभा की जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं और जनता के लिए निरंतर कार्य करती रहती हैं.
इतनी पढ़ी लिखी हैं विधायक
शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने 12वीं की डिग्री प्राप्त की है. उन्होंने 1990 मैं प्रागज्योतिष इंग्लिश हाई स्कूल गुवाहाटी-1 से 12 वीं की परीक्षा पास की. अरुणाचल प्रदेश में बहुत ही कम सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने इंटरमीडिएट तक शिक्षा ग्रहण की है. विधायक जुम्मुम एते देवरी उनमें से एक हैं. शिक्षा के अलावा अब सोनाली के पास राजनैतिक अनुभव भी है. उनकी विधानसभा और अपने क्षेत्र में सक्रियता उनको औरों से अलग बनाती है.
दो करोड़ से अधिक की संपत्ति : Jummum Ete Deori MLA Lekang
लेकांग विधानसभा से विधायक जुम्मुम एते देवरी के पास लगभग 2.5 करोड रुपए की संपत्ति है और उन पर अलग-अलग बैंकों का मिलाकर कुल 16.2 लाख रुपए बकाया है. उनकी संपत्ति और देनदारियों की यह जानकारी उनके द्वारा वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट के आधार पर है. विधायक जुम्मुम एते देवरी के पास 5.5 लाख रुपए नगद तथा अन्य बैंक और बीमा को मिलाकर कुल 52 लाख रुपए की चल संपत्ति है. इसके अलावा विधायक जुम्मुम एते देवरी के पास कृषि भूमि, गैर कृषि भूमि, व्यवसायिक और इमारतें आवासीय भवन को मिलाकर लगभग 2.1 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति मौजूद है.
आपराधिक मामले तथा आय के स्त्रोत : Jummum Ete Deori MLA Lekang
विधायक जुम्मुम एते देवरी पर अब तक कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है और ना ही उन पर कभी भी कोई गंभीर आरोप लगा है. वह क्षेत्र की जनता के प्रति काफ़ी लोकप्रिय हैं और अरुणाचल प्रदेश की सरकार में उनकी सक्रिय भूमिका भी रहती है. हालांकि अभी उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे निश्चित ही जीत कर आयेंगी और मंत्री पद की दावेदार होंगी. आय के रूप में वे एक व्यापारी हैं और साथ ही उनको कई व्यावसायिक इमारतों से किराया भी आता है. इसके अलावा वह बैंक तथा व्यक्तिगत ब्याज भी प्राप्त करती हैं और उनके पास काफी कृषि योग्य भूमि भी है, जो उनकी आय का स्रोत है. इसके अलावा वह अपने विधायक होने का पारिश्रमिक प्राप्त करतीं हैं.