Modi Government Incomplete Promises : लक्ष्य रखने के बाद भी इन बड़े वादों को पूरा नहीं कर पाई नरेंद्र मोदी सरकार, 9 साल सत्ता के बावज़ूद अधूरे वादे

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Modi Government Incomplete Promises
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Modi Government Incomplete Promises : साल 2014 की 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की कमान संभाली थी. उस साल मोदी लहर पर सवार होकर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था. साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी मोदी सुनामी ने विपक्षी दलों के कई पुराने दरख्त उखाड़ दिए थे. भारतीय जनता पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर 303 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. अब एनडीए को सत्ता में रहते हुए 9 साल पूरे हो गए हैं. इन 9 सालों में नरेंद्र मोदी ने जनता की हित में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर जनधन योजना, हर भारतीय परिवार को पक्का घर से लेकर हरेक घर को पेयजल की सुविधा जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की.

हर भारतीय परिवार को पक्का घर : Modi Government Incomplete Promises 

केंद्र सरकार की इन योजनाओं में प्रधानमंत्री आवास योजना एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को सरकार घर उपलब्ध कराने का प्रयास करती है. पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ को साल 2015 में शुरू किया गया था, योजना का मुख्य उद्देश्य साल 2022 तक भारत के हर परिवार को ग्रामीण और शहर में पक्का घर देना था.साल 2021 में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में बताया कि इस योजना को लॉन्च करते समय ग्रामीण भारत में 2.95 करोड़ पक्का घर बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन अब तक यानी साल 2021 तक केवल 1.65 करोड़ घर ही बनाए गए हैं.

हर घर को 24*7 बिजली की उपलब्धता

सबको पक्का घर दिलाने की घोषणा की तरह ही सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री ने कहा था कि साल 2022 भारत के हर घर को 24 घंटे बिजली मिलने लगेगी. सरकार के इस घोषणा की समय सीमा भी पूरी हो चुकी है लेकिन अभी तक भारत के सभी घरों को 24 घंटे बिजली नहीं मिल पाई है. 24 घंटे बिजली मिलना तो दूर कई गांव ऐसे भी हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.

पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था : Modi Government Incomplete Promises 

सितंबर 2018 में देश के प्रधानमंत्री ने कहा था कि आने वाले चार साल तक यानी साल 2022 तक भारत पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा. पीएम मोदी की इस घोषणा को कई बीजेपी नेताओं ने सार्वजनिक मंच और चुनावी रैलियों में भी दोहराया है.साल 2022 खत्म हो गया तो और इस साल भारत की अर्थव्यवस्था पांच खरब डॉलर होने वाला लक्ष्य भी पूरा नहीं हो सका. देश की अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग तीन खरब डॉलर पर अटकी हुई है.

किसानों की आय दोगुनी करना

साल 2017 में भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि साल 2022 तक देश के सभी किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. केंद्र सरकार ने इस बात को साल 2021 तक केंद्र सरकार के हर वार्षिक बजट में दोहराई थी. अब केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया हुआ समय खत्म हो गया है लेकिन किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई. साल 2023-24 के वार्षिक केंद्रीय बजट में किसानों का बजट अनुमान पिछले साल से कम कर दिया गया है. यानी साल 2023-24 में कृषि बजट 1.24 लाख करोड़ था जिसे घटाकर 1.15 करोड़ के आसपास कर दिया गया है. पिछले साल की तुलना में फसल बीमा योजना का आवंटन भी 15,500 करोड़ से कम कर के 13,625 करोड़ रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा खाद पर मिलने वाली सब्सिडी में भी भारी कटौती की गई है.

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