Kuno National Park : कूनो नेशनल पार्क में अब पर्यटक नहीं देख पाएंगे चीता, जानिए क्या है वजह
Kuno National Park : मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में अब पर्यटक चीतों को नहीं देख पाएंगे. लगातार हो रही चीतों की मौत के बाद इन्हें स्वास्थ परीक्षण के लिए खुले जंगल से पकड़ कर बाड़े में शिफ्ट किया जा रहा है. बीते 4 महीनो में 8 चीतों की मौत के बाद सभी चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू हो गया है.
कूनो नेशनल प्रबंधन की ओर से पांच दिन में 6 चीतों को खुले जंगल से बाड़े में लाया गया है. इनमें पवन, गौरव, शौर्य, आशा, धीरा, गामिनी को ट्रेंकुलाइज कर बाड़े में लाया गया है. वहीं इन चीतों के गले में लगे रेडियो कॉलर भी हटा दिए गए हैं. बता दें विशेषज्ञों के अनुसार रेडियो कॉलर ही चीतों की मौत की वजह बन रहे थे. इसी की वजह से घाव हो रहा था.11 जुलाई को चीता तेजस और 14 जुलाई को सूरज की मौत के बाद अन्य चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. इसमें तीन और चीतों की गर्दन में संक्रमण मिला था.
कॉलर आईडी ने कर दिए घाव
बताया जा रहा है कि चीतों को जो कॉलर आईडी लगाई गई थी, वो कॉलर आईडी टाइगर के लिए डिजाइन की गई है. इन कॉलर आईडी में चीते अनफिट थे. इन कॉलर आईडी की वजह से चीतों की गर्दन पर घाव हो रहा है और उसमें कीड़े पड़ रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट : Kuno National Park
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. अब अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी. चीतों की मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने बाकी चीतों को राजस्थान या किसी अन्य जगह शिफ्ट करने की मांग की है.
चीतों को नई जगह पर बसाने के दौरान 50 प्रतिशत मौतों को सामान्य माना जाता है. अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे. चार चीतों का जन्म यहीं हुआ. इनमें से तीन शावकों की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने 40 प्रतिशत चीतों की मौत पर चिंता जताई है.