Bihar Caste Census News : बिहार जातीय जनगणना की प्रक्रिया में आई बाधा, हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

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Bihar Caste Census News : हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जाति जनगणना कराने के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन अब बिहार जाति आधारित सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में पटना हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है. नालंदा के रहने वाले अखिलेश कुमार नामक व्यक्ति ने वकील बरुन सिन्हा के जरिए इस मामले में गुरुवार 3 अगस्त को याचिका दाखिल की है. पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित सर्वे को सही ठहराया था, लेकिन अब इस प्रक्रिया में बाधा आई है.

 

मंगलवार 1 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाले सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए इस प्रक्रिया को पूरी तरह से वैध बताया था और कहा था कि राज्य सरकार को इस प्रकार किया सर्वे कराने का अधिकार है. मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्र और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने जातीय गणना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, लेकिन अब मामला हाई कोर्ट से निकलकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

जाति एक वास्तविकता बनी हुई है : Bihar Caste Census News

फैसले की शुरुआत इस टिप्पणी से हुई कि जाति सर्वेक्षण कराने का राज्य का फैसला और विभिन्न आधारों पर इसे दी गई चुनौती से पता चलता है कि सामाजिक ताने-बाने से जाति को समाप्त करने के प्रयासों के बावजूद, यह एक वास्तविकता बनी हुई है.सर्वेक्षण पर अदालत की ओर से रोक लगाने के तीन महीने से भी कम समय बाद आए इस फैसले ने इसे चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं को झटका लगा था. उन्होंने शीर्ष अदालत में आदेश को चुनौती देने की बात कही थी.

 सर्वे पर पटना हाई कोर्ट ने क्या कहा था?

जाति आधारित सर्वे का आदेश पिछले साल दिया गया था और इसे इस साल के शुरू में शुरू किया गया था. बेंच ने इस बाबत सात जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. उसने अपने 101 पन्नों के फैसले में कहा, ‘‘हम पाते हैं कि राज्य का कदम पूरी तरह से वैध है और वह इसे कराने में सक्षम है. इसका मकसद (लोगों को) न्याय के साथ विकास प्रदान करना है.”

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