Kawasi Lakhma : छत्तीसगढ़ के दिग्गज आदिवासी नेता चार बार विधायक रहे और वर्तमान मंत्री कवासी लखमा के बारे में खास जानकारी
Kawasi Lakhma : कवासी लखमा सुकमा जिले के नागरास ग्राम के निवासी हैं. कवासी लखमा छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य हैं. लखमा छत्तीसगढ़ विधानसभा में लखमा कोन्टा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे यहां से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. लखमा बस्तर के आदिवासी नेताओं में से एक हैं और बस्तर के प्रभारी मंत्री भी हैं. लखमा अक्सर ही अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. बस्तर क्षेत्र से छत्तीसगढ़ की राजनीतिक पृष्ठभूमि तैयार होती है. यूं तो बस्तर बहुत पिछड़ा हुआ इलाका है, लेकिन यहां वोट की राजनीति खूब होती है और इस वोट की राजनीति पर छत्तीसगढ़ के मंत्री और कद्दावर नेता का कवासी लखमा का पूरी तरह प्रभाव है. छत्तीसगढ़ की सरकार में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है. वह पूर्व में आबकारी मंत्री भी रहे वर्तमान में उनके पास वाणिज्य और उद्योग वाणिज्य कर विभाग है.
बस्तर तथा आदिवासियों पर विशेष राजनीतिक प्रभाव
कवासी लखमा बस्तर के दिग्गज नेता हैं. बस्तर छत्तीसगढ़ का पिछड़ा हुआ आदिवासी इलाका है. यहां सरकारी योजनाएं पहुंचने में भी अपनी गति धीमी कर लेती हैं. यहां सड़कों की बहुत समस्या है और कोई सुनियोजित नगर व्यवस्था नहीं है. इसके बाद भी लखमा ने अपना राजनीतिक करियर खड़ा किया उन्होंने मंत्री पद पर भी कार्य किया है. वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ की सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री कवासी लखमा कभी भी स्कूल नहीं गए हैं. बावजूद इसके जनता पर उनकी पकड़ और उनका प्रभाव काफी मजबूत है. वह छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए आदिवासी इलाके में अहम भूमिका निभाएंगे. छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होना निश्चित है. जिसमें लखमा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी.
संघर्षों से भरा सफल राजनीतिक जीवन : Kawasi Lakhma
छत्तीसगढ़ की सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे कवासी लखमा का राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा तथा बेहद दिलचस्प रहा है. वह चार बार विधायक बने हैं. चार बार विधायक बनना कोई मामूली बात नहीं होती है. वह न सिर्फ चार बार विधायक बने हैं, बल्कि वह छत्तीसगढ़ की सरकार में मंत्री भी रहे हैं और विभिन्न मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली है. यह सिर्फ उनके राजनीतिक अनुभव तथा शीर्ष नेतृत्व के साथ उनका जुड़ाव होने के कारण ही संभव हो पाया है. लखमा का कहना है कि भाई जितना ही शीर्ष नेतृत्व के साथ जुड़े हैं.
उनकी जितनी शाखाएं हैं, वह उतना ही जनता के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं और उनकी जड़ें जनता के पास ही है. वह जनता के लिए समर्पित नेता हैं कवासी लखमा अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं और वह अपनी जीत तथा अपने राजनीतिक कद का श्रेय जनता को ही देते हैं.
जनता ने जैसे आजीवन चुन लिया उनको अपना नेता
छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला नक्सल प्रभावित जिला है और यहां नक्सली की समस्या अब धीरे-धीरे कम हो रही है. इसका कारण है कि छत्तीसगढ़ में जो भी सरकार आती है. वह नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं लाती है तथा वहां रोजगार के साधन उपलब्ध कराने का प्रयास करती है. इसी क्रम में वर्ष 2018 में जो कांग्रेस की सरकार आई और कवासी लखमा उसमें मंत्री बने, तो उन्होंने अपने क्षेत्र में और साथ ही सुकमा जिले में सड़कों की व्यवस्था सुधारा तथा इसके अलावा रोजगार के प्रति बेहतर काम किया.
उन्होंने सरकार की तमाम योजनाओं को तेजी से बस्तर तथा सुकमा जिले में पहुंचने का प्रयास किया. वह क्षेत्र की जनता के लिए सदैव खड़े रहते हैं. जिसके कारण ही वह बार-बार चुनाव जीतते आ रहे हैं. उनके क्षेत्र की जनता का मानना है कि मंत्री कवासी लखमा पुनः चुनकर विधानसभा जाएंगे और इस बार सरकार में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी. वह जनता की समस्याओं में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते हैं और उस को सुलझाने का प्रयास नहीं करते हैं.