Cinnamon Benefits : रसोई की ज़रूरत और इन बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है दालचीनी, ऐसे करें इस्तेमाल

0
Cinnamon Benefits
Spread the love

Cinnamon Benefits : दालचीनी एक प्राचीन मसाला है. इसका रसोई के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा में भी काफी महत्व है. भले ही आज तकनीकी आगे बढ़ रही है और एलोपैथिक दवाएं मार्केट में पैर पसार चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी अधिकतर लोग देसी दवाइयां और देसी नुस्खों को महत्व देते हैं. कई ऐसी बीमारियां हैं जिनमें एलोपैथ से सिर्फ राहत मिलती है, लेकिन देसी दवाइयां उसे जड़ से खत्म करने में सक्षम होती हैं. दालचीनी रसोई में मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने में सक्षम हैं. घरेलू नुस्खों में इसका विशेष महत्व है. दालचीनी को आप काॅफी, सलाद व चाय में मिलाकर सेवन कर सकते हैं. हालांकि, दालचीनी के अधिक सेवन से बचना चाहिए इसके नुकसान भी हो सकते हैं. आईए जानते हैं किन बीमारियों में दालचीनी फायदेमंद है-

रक्त शर्करा का नियंत्रण


दालचीनी यह शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है, जिससे शरीर रक्त में मौजूद शर्करा का उचित उपयोग कर पाता है. इसके अलावा, दालचीनी कार्बोहाइड्रेट के पाचन की प्रक्रिया को धीमा करके खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में अचानक उछाल को रोक सकता है. ये सभी गुण मधुमेह के प्रबंधन और नियंत्रण में सहायक होते हैं, जिससे यह समझा जाता है कि दालचीनी रक्त शर्करा के संचार को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

जलन और सूजन में राहत: Cinnamon Benefits


जलन और सूजन से संबंधित समस्याओं में दालचीनी विशेष रूप से लाभकारी होती है. यह अपने प्रतिस्थापन और शांतिप्रद गुणों के कारण शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है. जलन संबंधित समस्याओं में, दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण त्वचा की जलन और अन्य संबंधित समस्याओं में राहत प्रदान कर सकते हैं.  इसके अलावा, दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो संक्रमण से होने वाली सूजन और जलन में भी राहत दिला सकते हैं.

हृदय रोग

दालचीनी, जिसे हमारे रसोई में मसाले के रूप में प्रयोग होता है, वह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में सहायक होते हैं. इससे बढ़कर, यह LDL (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है, जो दोनों हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed