Age To Contest Elections : क्या 18 वर्ष हो जाएगी चुनाव लड़ने की उम्र, संसदीय समिति के सुझाव पर क्या बोला चुनाव आयोग
Age To Contest Elections : एक संसदीय समिति ने शुक्रवार (4 अगस्त) को लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु सीमा कम करने की सिफारिश की है. समिति ने कहा है कि इससे युवाओं को लोकतंत्र में शामिल होने के समान अवसर मिलेंगे. वर्तमान ढांचे के मुताबिक, लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति की उम्र कम से कम 25 साल होनी चाहिए. वहीं, राज्यसभा और राज्य विधान परिषद का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु 30 साल है. अभी कोई व्यक्ति 18 साल का होने पर वोट देने का अधिकार रखता है.
25 से घटाकर 18 साल करने का सुझाव : Age To Contest Elections
कानून और कार्मिक मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा चुनाव के लिए न्यूनतम उम्र को 25 से घटाकर 18 वर्ष करने की सिफारिश की है. इसके लिए समिति ने कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का हवाला दिया है.सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने विधानसभा चुनावों में भी न्यूनतम आय़ु कम करने की सिफारिश की है. समिति ने पाया है कि चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु सीमा कम करने से युवाओं को लोकतंत्र में शामिल होने के अवसर मिलेंगे.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि “वैश्विक प्रथाओं, युवाओं में बढ़ती राजनीतिक चेतना और युवा प्रतिनिधित्व के फायदों जैसे बड़ी मात्रा में सबूतों से इस नजरिए की पुष्टि होती है.”
फिनलैंड मॉडल का जिक्र लेकिन तैयार नहीं चुनाव आयोग
समिति ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग और सरकार को युवाओं को राजनीतिक भागीदारी के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने के लिए व्यापक नागरिक शिक्षा कार्यक्रम प्रदान करने को प्राथमिकता देनी चाहिए. साथ ही ‘फिनलैंड के नागरिकता शिक्षा के सफल मॉडल’ को अपनाने की सलाह भी दी है.चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा घटाने पर चुनाव आयोग भी विचार कर चुका है. आयोग ने पाया था कि 18 वर्ष की आयु में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी उठाने के लिए आवश्यक अनुभव और परिपक्वता की उम्मीद करना अवास्तविक है.
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि आयोग ने पहले ही संसद, राज्य विधानमंडल और स्थानीय निकायों में मतदान करने और चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु को समान करने के मुद्दे पर विचार किया है. आयोग संसद और राज्य विधानसभाओं की सदस्यता के लिए आयु की आवश्यकता को कम करने के पक्ष में नहीं है और अभी भी इस दृष्टिकोण पर कायम है.