ऐसा अनोखा मंदिर जहां होती है हनुमान की नारी रुप में पूजा…
ऐसा अनोखा मंदिर जहां होती है हनुमान की नारी रुप में पूजा…
राम भक्त हनुमान के बारे में तो सभी जानते हैं कि वो संकटमोचन के नाम से भी जाने जाते हैं। कहा जाता है की जो भी भक्त हनुमानजी को पूजता है या सच्चे हृदय से उनाक सुमिरन करता है.. उसकी सभी परेशानियों को संकट मोचन हनुमानजी हर लेते है… आपने भगवान हनुमान जी को कई रूपों में देखा होगा… पर क्या आपने कभी हनुमानजी के नारी रुप के बारे में सुना है… जी हां हम बात कर रहे हैं हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर की जहां वे नारी रुप में पूजे जाते हैं।
छत्तीसगढ़ के रतनपुर गांव में हनुमान जी का एक अनोखा मंदिर स्थित है… यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी नारी रूप में विराजमान है… यह मूर्ति मात्र 10 से 12 साल पुरानी है… ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त श्रद्धा भाव से इस हनुमान प्रतिमा के दर्शन करते हैं, उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है…
इस क्षेत्र के लोग नारी रूपी हनुमान जी की कथा कहते हैं… इस कथा में बताया गया है कि रतनपुर के एक राजा थे पृथ्वी देवजू… जो की हनुमान जी के भक्त थे… राजा को एक बार कुष्ट रोग हो गया था… जिसके कारण राजा अपने जीवन से निराश हो चुके थे… एक रात हनुमान जी राजा के सपने में आए और मंदिर बनवाने के लिए कहा… मंदिर निर्माण का काम जब पूरा हो गया तब हनुमान जी फिर से राजा के सपने में आए और अपनी प्रतिमा को महामाया कुण्ड से निकालकर मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया… हनुमान जी द्वारा बताये स्थान से राजा ने प्रतिमा को लाकर मंदिर में स्थापित कर दिया…
जब राजा ने महामाया कुंड में भगवान हनुमान की प्रतिमा देखी तो वह नारी रूप में थी… राजा ने भगवान के आदेश के अनुसार हनुमान की उसी नारी रूपी प्रतिमा की स्थापना कर दी… इस मूर्ति के दोनो कंधों पर राम और लक्ष्मण बैठे हुए हैं, और हनुमान के पैरों के नीचे दो राक्षस हैं.. मूर्ति स्थापना के बाद हनुमान जी की कृपा से राजा ठीक हो गए थे… ऐसा कहा जाता है कि राजा ने हनुमानजी से लोगों की इच्छाओं को पूरी करने की प्रार्थना की थी जिसे हनुमान जी आजतक पूरी कर रहे हैं…