पशुपालकों को बरतनी चाहिए ये सावधानियां, पशुओं के लिए जानलेवा हो सकता है ये मौसम
Animal Health Care Tips : भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चला है कि मार्च में बरसी आफत ने किसानों के साथ-साथ पशुपालकों का भी काफी नुकसान किया है. ताजा रिपोर्ट की मानें तो बारिश, आंधी और ओलावृष्टि के कारण 68 लोगों की मौत, 44 घायल हुए और 500 से अधिक पशुओं की जान जा चुकी है. इस मौसम में दुधारु पशुओं को कई गंभीर बीमारियां जकड़ लेती हैं. इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण काफी आम होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे ये रोग जानलेवा स्थिति में पहुंच जाते हैं.
पशुओं को कैसे जकड़ लेता है लंगड़ा बुखार : Animal Health Care Tips
लंगड़ा बुखार जीवाणुओं के जरिए गाय और भैंस में फैलने वाला एक घातक-जानलेवा रोग है. इस बीमारी से ग्रस्त पशु की पिछली टांगों के ऊपरी हिस्से में सूजन आ जाती है. पशु को असहनीय दर्द होता है, जिसकी वजह से चाल में भी लंगड़ापन आ जाता है. इस बीमारी में पशु ज्यादा देर खड़े नहीं रह पाते.
बैठे-बैठे पशुओं में बुखार बढ़ने लगता है. गाय-भैसों की डाइट कम हो जाती है और सूजन वाले स्थान पर कड़कड़ाने की आवाज आने लगती हैं. ये शुरुआती लक्षण दिखते ही उपचार करवा लिया जाए तो पशु जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं, लेकिन लंगड़ा बुखार के केस में लापरवाही बरतना पशुपालकों के लिए भारी भी पड़ जाता है.
कैसे करें लंगड़ा बुखार की रोकथाम
बारिश जैसे मौसम का पूर्वानुमान मिलते ही पशुओं को बचाव के टीके लगवाने चाहिए. इससे पशुओं का इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है और रोगों की संभावना भी कम रहती है. यदि अचानक से पशु की तबियत बिड़ने लगे या लक्षण गंभीर हो जाएं तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करने में भलाई है.
बता दें कि लंगड़ा बुखार का संक्रमण पूरे शरीर में तेजी से फैलने लगता है. ज्यादातर देर करने पर पशुओं में कमजोरी बढ़ जाती है और दवाएं असर नहीं करतीं और पशु की मौत हो जाती है. पशु एक्सपर्ट के मुताबिक, लंगड़ा बुखार से ग्रसित गाय-भैसों को प्रोकें पेनिसिलीन के हाई डोज वाले टीके लगाए जाते हैं.