Bharat Jodo Yatra : जानिए आखिर क्यों सफल हुई राहुल गाँधी की भारत जोड़ों यात्रा, अपने नाम किया बड़ा रिकॉर्ड
कॉंग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी इस समय भारत जोड़ों यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर हैं. इस यात्रा पर उन्हें तीन महीने से अधिक का समय हो गया है. निरंतर यात्रा जारी है. इसी यात्रा के बीच कॉंग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी हुआ. काँग्रेस के अध्यक्ष वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडंगे बने. राहुल गांधी की इस यात्रा से कॉंग्रेस को काफी लाभ हुआ.
राहुल की यात्रा का लाभ, बिना रैली ही सरकार बना ली :Bharat Jodo Yatra
यूँ तो देखा जाए राहुल गांधी चुनाव प्रचार में सक्रिय नहीं रहे. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में राहुल गांधी की कोई खास भूमिका नहीं रही. राहुल गांधी दोनों राज्यों में प्रचार से भी दूर रहे. लेकिन यात्रा का इतना प्रभाव पड़ा कि हिमाचल प्रदेश में कॉंग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला. हिमाचल में कॉंग्रेस ने 40 सीट पर जीत दर्ज की. आज कॉंग्रेस ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. हिमाचल प्रदेश में कॉंग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम आगे किया है. सुखविंदर सिंह नाम घोषित होने के बाद भावुक हो गए पूर्व कॉंग्रेस अध्यक्ष नें उन्हें शुभकामनाएं दीं.
क्या है भारत जोड़ों यात्रा, और इसका उद्देश्य : Bharat Jodo Yatra
भारत जोड़ो यात्रा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया एक जन आंदोलन है,. जिसका उद्देश्य नई दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की कथित विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ देश को एकजुट करना है. इसे कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और तमिल नाडु के मुख्यमंत्री मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन द्वारा 7 सितंबर, 2022 को कन्याकुमारी में शुरू किया गया था. इसे मूल्य महंगाई , बेरोजगारी, राजनीतिक केंद्रीकरण और विशेष रूप से “भय, कट्टरता” की राजनीति और “नफरत” के खिलाफ लड़ने के लिए बनाया गया शुरू किया गया था. यह यात्रा 26 जनवरी तक चलेगी. अब तक की सबसे बड़ी यात्रा है.
150 दिनों में 3570 किलोमीटर दूरी तय करेगी यह पदयात्रा
इस यात्रा को आयोजित करने वाले समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने बताया था कि पदयात्रा 150 दिन यानी 5 महीने में दक्षिण में कन्याकुमारी से लेकर उत्तर में कश्मीर तक 3570 किलोमीटर की दूरी तय करेगी. जो 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरेगी. Bharat Jodo Yatra में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ 100 नेता शुरू से लेकर आखिरी तक पदयात्रा में उनके साथ रहेंगे. जिनकी सूची कांग्रेस सरकार द्वारा तैयार कर ली गई है. कांग्रेस के मुताबिक इस यात्रा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं.