नई दिल्ली : ऐक्रोपोलिस पहाड़ी से अथेना देवी के मंदिर के बिल्कुल पास से विमान हवाई अड्डे पर लैंड हुए, विमान के हवाई अड्डे पर उतरते ही सबसे पहले ईसाई पादरियों ने पूजा की, फ़िर उसके ऊपर पानी छिड़का, तत्पश्चात् वही जल पायलट और अन्य वायु सेना कर्मियों पर छिड़का गया, पूरे ग्रीस ने इस एवेंट को लाइव देखा, खूब सराहना की, कहीं एक भी प्रश्न चिन्ह नहीं लगा, और लगना भी नहीं चाहिए.
हर देश अपनी अपनी संस्कृति के अनुरूप ऐसे मौक़ों पर जोश मनाता है, जश्न मनाता है, ईश्वर से प्रार्थना करता है, ईसाई जल छिड़क जीसस का आवाहन करते हैं, तो मुस्लिम देश अल्लाह का, याद कीजिए राफ़ेल जब पहली बार भारत आया था, राजनाथ सिंह जी ने दशहरा वाले दिन विमान पर ॐ का चिह्न बना कर विमान की शस्त्र पूजा की थी, और ऐसा होते ही भारत के सम्पूर्ण विपक्ष के सीने में साँप लोट गया था, कांग्रेस इसे तमाशा बता रही थी तो NCP इसकी तुलना ट्रक टेम्पो से कर रही थी.
भारत का विपक्ष हिंदू द्रोही होते हुवे कब एक कुंठित इंफीरियरिटी कामपलेक्स में चला गया, इसे स्वयं नहीं पता है, भारत की संस्कृति और धर्म के प्रति इनकी नफ़रत अब कुंठा में बदल चुकी है।