क्या गुजरात, उत्तराखंड और त्रिपुरा की तरह कर्नाटक में भी काम आएगा भाजपा का ‘ब्रम्ह अस्त्र’
BJP Formula To Win Election : बीते एक साल में बीजेपी चार राज्यों में सीएम बदल चुकी है. इसके पीछे बीजेपी की रणनीति है जो उसे चुनाव जीतने में मदद करती है. सबसे ताजा उदाहरण त्रिपुरा का है, जहां पर कुछ महीने पहले ही सीएम बदलने का फायदा मिला और पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर को किनारे करते हुए दोबारा सत्ता में वापसी की.दूसरी पार्टियों में मुख्यमंत्री बदलने को लेकर जितना घमासान होता है. शायद ही बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री बदलने पर कभी कोई खींचतान सामने आई हो. ऐसे फैसलों की तो लोगों को कानोंकान खबर भी नहीं लगती.
गुजरात में भी सफल हुआ फॉर्मूला
बीजेपी गुजरात को जीतने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ती. 2017 में चुनाव के बाद गुजरात में बीजेपी ने विजय रुपानी को सीएम बनाया. चार साल बाद बीजेपी ने भांप लिया कि रूपानी को लेकर राज्य में माहौल ठीक नहीं है. सितम्बर 2021 में बीजेपी ने राज्य में प्रभावशाली पटेल समुदाय के भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाया. बीजेपी की ये रणनीति काम की रही और 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अब तक की सबसे ज्यादा सीट जीतकर इतिहास रच दिया.
त्रिपुरा में माणिक साहा ने दिलाई जीत : BJP Formula To Win Election
सीएम बदलकर चुनाव जीतने का बीजेपी का सबसे ताजा उदाहरण त्रिपुरा का है. 2018 में बीजेपी ने त्रिपुरा में लेफ्ट के गढ़ ध्वस्त कर दिया. तब बीजेपी ने राज्य में पार्टी के अध्यक्ष बिप्लब देव को सीएम बनाने का फैसला किया था. तेज तर्रार बिप्लब देव ने कमान संभाली और काम शुरू किया. चार साल आते-आते बिप्लब देव के खिलाफ विधायकों की नाराजगी की खबरें आने लगी. कई विधायकों ने पार्टी छोड़ दी. चुनाव से कुछ महीने पहले बीजेपी ने बिप्लब देव की जगह माणिक साहा को राज्य की सत्ता पर बिठाया. 2 मार्च को आए त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने इस बात को साबित कर दिया है कि बीजेपी का दांव सही बैठा है.
कर्नाटक में क्या हिट होगा फॉर्मूला?
कर्नाटक में अप्रैल-मई के दौरान चुनाव होने की संभावना है. कर्नाटक दक्षिण में बीजेपी का इकलौता दुर्ग है. बीजेपी इसे बचाने की पूरी कोशिश कर रही है. यही वजह है कि 2021 में बीजेपी ने राज्य के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाकर बसवराज बोम्मई को पद पर बिठाया. अब देखना है कि बसवराज बोम्मई राज्य में सत्ता विरोधी लहर की काट ढूढ़ने में सफल हो पाते हैं या नहीं.