Dr. RK Ranjan Singh : पूर्वोत्तर के ऐसे नेता जो बेहतर राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ हैं ज्ञान का भंडार, लागू की महत्वपूर्ण नीतियां
Dr. RK Ranjan Singh : राजकुमार रंजन सिंह को डॉ. आरके रंजन सिंह के नाम से भी जाना जाता है. वे मणिपुर के एक राजनीतिज्ञ हैं. उनका राजनीतिक प्रभाव ना सिर्फ मणिपुर में है बल्कि इसके साथ-साथ पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में भी है. उन्होंने वर्ष 2019 के सामान्य लोकसभा चुनाव में मणिपुर से जीत हासिल की थी. वे लोकसभा में मणिपुर की आंतरिक मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह भारतीय जनता पार्टी के राजनेता हैं. नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में वह राज्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं. राजकुमार रंजन सिंह को एक सहज स्वभाव वाले जननेता के रूप में जाना जाता है. उनकी छवि स्वच्छ और बेदाग है.
शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण डिग्री और उपाधि
राजकुमार रंजन सिंह मणिपुर के शिक्षित अनुभवी और वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं. डॉ सिंह भूगोल में स्नातकोत्तर हैं. इसके साथ ही उन्होंने गौहाटी विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने व्याख्याता, सहायक प्रोफेसर, उप रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. उन्होंने 2012 में अपनी सेवानिवृत्ति तक यूजीसी एकेडमिक स्टाफ कॉलेज के प्रभारी निदेशक और मणिपुर विश्वविद्यालय कॉलेज के विकास निदेशक के रूप में भी कार्य किया है. वर्ष 2013 में वह मणिपुर विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग में वरिष्ठ विजिटिंग फेलो थे.
वह अब तक 8 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं और विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिका और प्रकाशनों में कई योगदान दे चुके हैं. अपने शैक्षणिक कैरियर के दौरान डॉ. सिंह मानव संसाधन प्रबंधन, सुरक्षा क्षेत्र सुधार और स्वदेशी लोगों के भूमि और आजीविका अधिकारों पर कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परामर्शदात्री बैठकों में भी भाग ले चुके हैं.
कई संसद समितियों में महत्वपूर्ण भूमिका : Dr. RK Ranjan Singh
वर्ष 2013 में चुनावी राजनीति में शामिल हुए, तब वे मणिपुर विश्वविद्यालय में भूगोल विभाग में वरिष्ठ विस्टिंग फलों के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने वर्ष 2019 में लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद की संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में सक्रिय रूप से भाग लिया. इसके साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए स्थायी समिति, पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन तथा DoNER के लिए सलाहकार समिति में सक्रिय भूमिका निभायी.
दो मंत्रालयों में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी
डॉ. सिंह का राजनीतिक जीवन स्पष्ट तथा बेदाग है. उनका देश के प्रति योगदान स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने वाला है. वह न सिर्फ एक शिक्षित व्यक्ति हैं, बल्कि उन्होंने अपनी शिक्षा और अपने ज्ञान के माध्यम से पूर्वोत्तर तथा देश के युवाओं को एक अलग दिशा प्राप्त की है. वह पूर्वोत्तर के साथ पूरे देश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. उन्होंने जहां भी कार्य किया उनके सभी सहकर्मी और वहाँ का पूरा विभाग या समिति उनसे प्रभावित हुई. वर्ष 2019 में 17वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद राजकुमार रंजन सिंह को नरेंद्र मोदी की सरकार में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली. वह वर्तमान में शिक्षा तथा विदेश राज्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं.
शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव : Dr. RK Ranjan Singh
शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए डॉ. सिंह ने कई विशेष कार्य किए हुए हैं. उन्होंने कई यूनिवर्सिटीज में अंतरराष्ट्रीय स्तर के छात्रावासों का उद्घाटन किया तथा उनके निर्माण पर जोर दिया. पूर्वोत्तर में शिक्षा के सुधार का संपूर्ण योगदान डॉक्टर सिंह को जाता है. मैं सिर्फ कहने को मणिपुर से सांसद है लेकिन राज्यमंत्री के रूप में उन्होंने पूरे देश की शिक्षा व्यवस्था को अपने ज्ञान के माध्यम से एक नई दिशा और दशा देने का प्रयास किया है. उनके द्वारा सुझाई गई कई शिक्षा नीतियों को भारत सरकार ने लागू किया है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं.
लोकसभा क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास
राज्यमंत्री के रूप में अपने दायित्व का कर्तव्यपूर्ण तरीके से निर्वहन करने के साथ-साथ वे जनता से जमीनी स्तर पर जुड़ाव रखते हैं. साथ ही उन्होंने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है. वह भले ही राज्यमंत्री हैं लेकिन जनता के लिए उनके दरवाजे सदैव खुले रहते हैं और जनता के साथ अक्सर ही संवाद करते रहते हैं. आंतरिक मणिपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र की जनता उनके कार्यकाल से काफी खुश है. उनके कार्यकाल में आंतरिक मणिपुर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखने को मिला है. उनके सांसद बनने के बाद आंतरिक मणिपुर में विकास ने एक गति पकड़ी है, जो लगातार जारी है. सर्वे के अनुसार देखा जाए तो आने वाले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत कर आयेंगे. उनके क्षेत्र की जनता के साथ-साथ पूर्वोत्तर को यह उम्मीद है कि उन्हें इस बार केंद्र में और बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी.