Fighter Plane Engine : HAL ने की जीई एयरोस्पेस से डील, अब भारत में हुआ लड़ाकू विमानों के इंजन का निर्माण
Fighter Plane Engine : भारत की सेना और रक्षा तकनीकी लगातार तरक्की कर रही है. अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गए हैं इस दौरे के दौरान अमेरिकी कंपनी जीई एरोस्पेस ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ भारत में लड़ाकू विमानों के इंजन के संयुक्त उत्पादन के लिए अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
रक्षा प्रौद्योगिकी पर संयुक्त नवाचार
बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दोनों नेताओं के बीच बैठक से कुछ घंटे पहले कहा, ‘‘अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी कई वर्षों से मजबूत हो रही है, लेकिन हम अब रक्षा साझेदारी की अगली पीढ़ी में प्रवेश कर गए हैं.’’अधिकारी ने कहा, ‘‘और फिर रक्षा नवाचार संबंध भी हैं, जिसे इंडस एक्स के नाम से भी जाना जाता है.’’ इसकी शुरूआत 21 जून को की गई, जो ‘यूनिवर्सिटी इनक्यूबेटर थिंक टैंक’ और निजी निवेश हितधारकों के बीच एक नेटवर्क है. उन्होंने कहा, ”यह रक्षा प्रौद्योगिकियों पर संयुक्त नवाचार को बढ़ावा देने जा रहा है.”
दोनों कंपनियों के बीच हुआ समझौता : Fighter Plane Engine
अधिकारी ने कहा कि शिखर बैठक में रक्षा साझेदारी के बारे में तीन महत्वपूर्ण नतीजे निकलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इनमें से एक ‘अभूतपूर्व’ है, जो जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए है. एफ414 जेट इंजन का जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) की ओर से संयुक्त रूप से उत्पादन करने के प्रस्ताव का अमेरिका और भारत स्वागत कर रहे हैं. जीई और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं और अमेरिकी संसद की ओर से अधिसूचित किए जाने के लिए एक निर्यात लाइसेंस समझौता सौंपा गया है.
इंजन उत्पादन और जहाजों की मरम्मत
अधिकारी ने कहा, ‘‘भारत में एफ 414 इंजन का विनिर्माण करने के लिए यह एक पथप्रदर्शक पहल है और यह अमेरिकी जेट इंजन प्रौद्योगिकी के व्यापक स्तर पर हस्तांरण का मार्ग प्रशस्त करेगा.’’ अधिकारी ने कहा कि दूसरी चीज जहाज की मरम्मत है. उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका नौसेना ने जहाज मरम्मत समझौते किए हैं, जो विभिन्न स्थानों पर अमेरिकी सेना के लिए किफायती और समय बचाने वाली साबित होने वाली है। यह भारतीय शिपयार्ड में अमेरिकी नौसेना के जहाजों को मरम्मत कार्य करने की अनुमति देगी.’’