Hardik Patel के दिखे बागी तेवर, राम नाम की जप रहे माला, चुनाव से पहले कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका..?
Hardik Patel के दिखे बागी तेवर, राम नाम की जप रहे माला, चुनाव से पहले कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका..
इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां एक तरफ सत्ताधारी पार्टी बीजेपी अपना दमखम दिखाने में जुट गई है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी कांग्रेस में फूट डलती नज़र आ रही है। जी हां गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल अपनी पार्टी से नखुश नज़र आ रहे हैं। वो कई बार पार्टी पर सवाल खड़े कर चुके हैं, लेकिन लगता है कि उनकी बातों पर हाईकमान ध्यान नहीं दे रही हैं।
इतना ही नहीं हार्दिक ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी की कार्य प्रणाली की भी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि गुजरात में बीजेपी मजबूत है, क्योंकि उनके पास नेतृत्व और समय रहते ही सही निर्णय लेते है।. हालांकि, हार्दिक ने कहा कि मेरी बीजेपी में शामिल होने की कोई मंशा नहीं है।उन्होंने कहा कि दुश्मन की ताकात को स्वीकर करना चाहिए। वे शक्तिशाली हैं और दुश्मनों को कभी भी कमजोर नहीं आंकना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व किसी को काम नहीं करने देता और अगर कोई करता है तो उसे रोका जा रहा है। इसी के चलते गुजरात में विपक्ष के रूप में लोगों की हम आवाज नहीं उठा पा रहे हैं।
वहीं, गुजरात कांग्रेस में वरिष्ठ नेतृत्व ने भी हार्दिक पटेल को सार्वजनिकरूप से न बोलने और व्यक्तिगत रूप से आंतरिक मामले पर चर्चा करने के लिए चेतावनी दी थी। इसके बावजूद हार्दिक पटेल लगातार प्रदेश नेतृत्व को लेकर बयान दे रहे हैं। ऐसे में गुजरात कांग्रेस में दरार साफ देखी जा सकती है। पार्टी इस साल अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। पार्टी के कई नेता पार्टी से नाखुश हैं। कुछ ने तो पार्टी छोड़ दी है। पाटीदार नेता और कांग्रेस कार्यसमिति के अध्यक्ष हार्दिक पटेल भी नाखुश हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी की राज्य इकाई के नेता गोपाल इटालिया ने कहा, ‘हार्दिक पटेल अपने दम पर नेता बनकर उभरे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर की है। हमें आप की गुजरात इकाई में हार्दिक जैसे नेताओं की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि हार्दिक को कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपनी बात रखकर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, क्योंकि उससे कोई नतीजा नहीं निकलेगा।
गौरतलब है कि हार्दिक पटेल आरक्षण आंदोलन का हिस्सा बनने के बाद राजनीतिक परिदृश्य में उभरे थे। हार्दिक ने कहा था कि राहुल गांधी से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है।