Shivpal Singh Yadav का Akhilesh और Mulayam पर हमला अगर चाहते तो जेल से बाहर होते आज़म

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Shivpal  का Akhilesh और Mulayam पर हमला अगर चाहते तो जेल से बाहर होते आज़म

समाजवादी पार्टी में इन दिनों कुछ भी सही चलता नज़र नहीं आ रहा है। जहां एक तरफ शिवपाल सिंह यादव अखिलेश से नाराज़ नज़र आ रहें हैं तो वहीं दूसरी तरफ सपा का बड़ा मुस्लिम चेहरा आज़म खान जो की पिछले 2 साल से सीतापुर की जेल में बंद हैं, अखिलेश यादव को तेवर दिखा रहे हैं।

दरअसल अखिलेश यादव और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसके साथ ही आज़म खान भी सपा अध्यक्ष से नाराज़ नज़र आ रहे हैं। इस दौरान सपा गठबंधन के सहयोगी आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी की आजम के परिवार से मुलाकात ने भी कयासबाजियों को हवा दे दी। इस बीच शुक्रवार को शिवपाल सिंह यादव सीतापुर पहुंचे और यहां जेल में आजम खान से उन्होंने मुलाकात की। अब शिवपाल-आजम की इस मुलाकात के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं।

वैसे इससे पहले भी शिवपाल सिंह यादव आजम खान से मिलने सीतापुर जेल जा चुके हैं। सपा के अन्य मुस्लिम नेताओं की बदले रुख और जयंत चौधरी के आजम खान के परिजनों से मुलाकात के बाद शिवपाल यादव की आजम से मुलाकात काफी अहम है। उन्होंने इस मुलाकात के बाद भविष्य में नए राजनीतिक समीकरणों की सुगबुगाहट शुरू कर दी है। शिवपाल यादव ने साफ कहा है कि आजम साहब बड़े नेता है, उनकी पीड़ा को समझा जा सकता है। वह मुख्यमंत्री से मिलकर पीड़ा साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि समय आने पर वह सभी खुलासे करेंगे। वक्त का इंतजार कीजिए।
दरअसल आज़म खान की गिरफ्तारी को लेकर शिवपाल हमेशा से ही मुद्दा उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि समाजवादी पार्टी को आजम खान के लिए आंदोलन करना चाहिए था। वह विधानसभा में सबसे सीनियर लीडर हैं, लोकसभा और राज्य सभा में भी रह चुके हैं। सपा को आजम खान की बात सुननी चाहिए थी। लेकिन सपा संघर्ष करती नहीं दिखाई दी। शिवपाल ने अखिलेश का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव को भी 2 बाते कह डाली। उन्होनें कहा कि नेता जी ही आजम खान के लिए धरने पर ही बैठ जाते तो प्रधानमंत्री जरूर सुनते। पीएम नेताजी का सम्मान करते हैं।

बता दें शिवपाल यादव के भी समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। उनके भाजपा में जाने को लेकर तमाम खबरें चल रही हैं। इस बीच अखिलेश यादव का बयान आया कि जो भाजपा से जुड़ेगा समाजवादी पार्टी में उसके लिए जगह नहीं है। इस पर शिवपाल बिफर गए, उन्होंने पलटवार करते हुए साफ कह दिया कि अखिलेश उन्हें निष्कासित क्यों नहीं कर देते। वह कोई सहयोगी दल से नहीं है, सपा से चुनाव लड़े थे। 111 विधायकों में से एक हैं।

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