Indian Railways के इन वेटिंग लिस्ट के बारे में जानते हैं आप

नई दिल्ली:अगर आप भारतीय रेलवे से सफर करना चाह रहे हैं और आपका टिकट वेटिंग लिस्ट में आ गया और आप समझ नहीं पा रहे हैं कि ये वेटिंग लिस्ट कब क्लियर होगा और आप सफर कर पाएंगे तो जानिए ये होता क्या है और कैसे क्लिअर होता है.
रेलवे में RLWL, PQWL और GNWL के बीच अन्तर इस प्रकार से है..
• GNWL – जनरल वेटिंग लिस्ट। यह किसी भी ट्रेन के प्रारम्भिक (Originating) स्टेशन से अन्तिम स्टेशन के लिये बुक किये गये टिकिट पर दी जाती है।
• PQWL – पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट। यह ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन से इंटरमीडिएट स्टेशन के बीच और किसी भी इंटरमीडिएट स्टेशन से अंतिम स्टेशन के बीच दी जाती है।
• RLWL – रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट। यह एक इंटरमीडिएट स्टेशन से दूसरे इंटरमीडिएट स्टेशन के बीच दी जाती है।
इन वेटिंग लिस्टों के क्लियर होने का क्रम भी इसी प्रकार होता है। पहले GNWL क्लियर की जाती है। उसके बाद यदि सीट खाली बचतीं हैं तो PQWL क्लियर की जाती है और फिर भी सीटें खाली बच जायें तो RLWL क्लियर की जाती है।
हर ट्रेन के लिये GNWL, PQWL और RLWL की परिभाषा अलग अलग है। यह गाड़ी की यात्रा की कुल दूरी और कई फैक्टर पर निर्भर करता है। इंटरमीडिएट स्टेशन वो बड़े स्टेशन हैं जहाँ से गुजरने वाली गाड़ियों में कुछ फिक्स कोटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए नई दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के इंटरमीडिएट स्टेशन हैं आगरा, ग्वालियर, झाँसी, भोपाल, नागपुर, बल्हारशाह, वारंगल और विजयवाड़ा।
इस ट्रेन में यदि आप नई दिल्ली से चेन्नई का रिजर्वेशन कराओगे तो GNWL मिलेगा। यदि नई दिल्ली से झाँसी या नागपुर का रिजर्वेशन कराओगे तो आपको PQWL मिलेगा। यदि झाँसी से नागपुर का कराओगे तो RLWL मिलेगा।
सारांश (Summary) –
• बीच के स्टेशन से बीच के स्टेशन में RLWL.
• प्रारंभिक स्टेशन से बीच के स्टेशन या बीच के स्टेशन से अन्तिम स्टेशन में PQWL.
• प्रारंभिक स्टेशन से अन्तिम स्टेशन में GNWL.
यह एक कामप्लेक्स विषय है। आम यात्रिओं के लिए इतना समझ लेना ही काफी है। ट्रेन के रिजर्वेशन सिस्टम की प्रोग्रामिंग CRIS – Centre for Railway Information System करता है।






