ISRO : अब तक स्थापित किए हैं कई कीर्तिमान, मिशन मून की फिर तैयारी चंद्रयान – 3 भेजेगा इसरो
भारतीय स्पेस एजेंसी (ISRO) जल्द ही एक नया कीर्तिमान रचने की तैयारी कर रहा है. चंद्रयान 1 और चंद्रयान 2 के बाद अब चंद्रमा के लिए तीसरा उपग्रह मिशन, चंद्रयान 3 अगले साल लॉन्च किया जाएगा. केंद्रीय अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया था कि, भारत के प्रमुख अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र है, जिसे भारत में गगनयान परियोजना कहते हैं. इसके तहत 2024 में अंतरिक्ष में भारत अपनी पहली चालक दल की उड़ान भेजने की योजना बना रहा है.
चंद्रयान-2 एक सेकंड और ठीक रहता तो दुनिया होती नतमस्तक : ISRO
बात वर्ष 2019 की है जब भारत इतिहास रचने से दो कदम पीछे रह गया था. अगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत विश्व का पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरता. कई देशों ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाई है, लेकिन दक्षिणी ध्रुव पर कभी नहीं. भारत का मिशन अपनी तय दूरी से 2 किलोमीटर पीछे रह गया. प्रधानमंत्री मोदी इस ऐतिहासिक क्षण के स्वयं गवाह थे. मून मैन कहे जाने वाले इसरो के पूर्व चीफ के. सिवान की आँखों में आंसुओ को प्रधानमंत्री ने अपना कंधा दिया. उन्हें गले से लगाया.
कैसा है चंद्रयान-3 थी, जानिए कितना है पिछले मिशन से अलग
सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर ‘विक्रम’ के चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वहां यान उतारने का भारत का पहला प्रयास विफल हो गया था.सोमनाथ ने कहा, ‘सी-3 तैयार है. यह सी-2 की प्रतिकृति नहीं है. इस यान की अभियांत्रिकी बिल्कुल अलग है.हमने इसे काफी मजबूत बनाया है ताकि इसमें पिछली बार जैसी दिक्कतें सामने नहीं आएं.’
उन्होंने कहा, ‘इसमें कई बदलाव किए गए हैं. किसी भी उपकरण के विफल होने की सूरत में अन्य उपकरण इसकी भरपाई करेंगे.’पूरा देश चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना कर रहा है. इस बार भारत विश्व का पहला देश होगा जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा. इस बार इतिहास बनना तय है.