जानिए अब तक क्या रहा दुनिया भरो की सरकार का पेगासस पर रुख!

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नई दिल्ली: Pegasus को दुनिया के सामने आए पांच महीने हो चुके है, पांच महीने पहले दुनिया कि सारी सरकारों को पता चला था कि देश में नागरिकों के फोनों पर जासूसी की जा रही है.

तो अब तक क्या रहा है दुनिया भर की सरकारों का vs भारत की सरकार का Pegasus पे रुख?

France:-

•Pegasus के जरिए फ्रांस के प्रेसिडेंट के नंबर को टारगेट किया गया था, इसके साथ ही फ्रांस सरकार के 5 कैबिनेट मिनिस्टर भी बने थे Pegasus का शिकार.

•यह रिपोर्ट के सामने आते ही फ्रांस सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही जांच का आदेश दे दिया.

•फ्रांस दुनिया का पहला देश था जिसने आधिकारिक रूप से मना की Pegasus का इस्तेमाल देश के नागरिकों पर किया गया है.

•मामले के सामने आते ही इजराइल सरकार ने Pegasus जिन लोगों पे किया जा रहा है उनसे Pegasus बैन करने का प्रस्ताव दिया.

Mexico:-

•मैक्सिको सरकार ने बताया की पूछने 2 प्रशासन ने Pegasus से जासूसी पर $61 मिलियन कर्च किए थे.

USA:-

•US कॉमर्स डिपार्टमेंट ब्यूरो ऑफ़ इंडस्ट्रीज एंड सिक्योरिटी ने NSO ग्रुप को विद्वेषपूर्ण साइबर गतिविधि में लिस्ट लिया.

•USA की कंपनियों पर NSO ग्रुप को अपनी टेक्नोलॉजी बेचने से रोक लगाई.

•Apple. Inc ने NSO ग्रुप पर मुकदमा दायर किया.

United Kingdom:-

•अक्टूबर पे इंग्लिश कोर्ट ने दुबई के रूलर ने अपनी पहली पत्नी और उनके केस के वकील पर Pegasus इस्तेमाल करने का दोषी पाया.

•इसके सामने आते ही UK सरकार ने कहा की Pegasus अब देश में किसी भी नंबर पर काम नही करेगा.

Israel:-

•Pegasus मामले के सामने आते ही इजराइल सरकार ने तुरंत ही वरिष्ठ अंतर-मंत्रालय को सेट–अप किया ताकि मामले की जांच जल्द से जल्द हो.

•इसराइली डिफेंस मिनिस्ट्री ने अपनी साइबर सिक्योरिटी को और टाइट करने का ऐलान किया.

India:-

•भारतीय सरकार ने Pegasus का इस्तेमाल भारत में हुआ है यह स्वीकार करने से मना कर दिया.

•भारत में सरकार ने कोई भी मामले की जांच करने से मना कर दिया.

•हालाकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच हो इस लिए एक कमेटी बनाई.

•पश्चिम बंगाल सरकार ने मामले की जांच करने के लिए 2 मेंबर कमीशन बनाई.

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