Jayant Chaudhary : पहले राज्यसभा में वोटिंग से बनाई दूरी, अब INDIA की मीटिंग में शामिल होंगे जयंत चौधरी, देखिए ख़ास खबर
Jayant Chaudhary : देश में वर्ष 2024 में लोकसभा का चुनाव होना है. कहते हैं कि प्रधानमंत्री की कुर्सी तक का रास्ता उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों से होकर जाता है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अलावा समाजवादी पार्टी और साथ ही आरएलडी पार्टी सक्रिय है. बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष के तौर पर समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन है. इसके अलावा इसी गठबंधन से टूटकर ओमप्रकाश राजभर एनडीए में शामिल हो गए हैं. एनडीए के साथ ओमप्रकाश राजभर के अलावा अन्य कई छोटे दल जुड़े हैं. हाल ही में जब राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश किया गया था, तो जयंत चौधरी वोटिंग में शामिल नहीं हुए थे.
हालांकि, उन्होंने इसका कारण अपनी पारिवारिक स्वास्थ्य इमरजेंसी बताया. इसके बाद अभी 2 दिन पूर्व ही राष्ट्रीय लोकदल के सभी विधायक मुख्यमंत्री योगी से मिले थे, जिसके बाद सियासी अटकलें तेज हो गईं थी, लेकिन राष्ट्रीय लोक दल के प्रवक्ता ने इन सभी बातों पर विराम लगाया था. उन्होंने कहा था की जयंत चौधरी मुंबई में होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होंगे. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल का खास प्रभाव है और अगर देखा जाए तो जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के पुनरुत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं. अभी हाल ही में उन्होंने तमाम कोशिशों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को खतौली में मात दी.
12 लोकसभा सीटों पर लड़ेंगे चुनाव : Jayant Chaudhary
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा, हमारे नेता मुंबई में होने वाली विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेंगे. हम विपक्षी गुट का हिस्सा हैं और हमारे बीजेपी के साथ हाथ मिलाने की अटकलें सच्चाई से बहुत दूर हैं. ऐसी अफवाहें सत्तारूढ़ दल के लोग भ्रम फैलाने के लिए करते हैं.
2024 के लोकसभा चुनावों के मुद्दे पर अनिल दुबे ने कहा कि रालोद उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से 12 पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा हम 12 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन इस सिलसिले में आखिरी फैसला हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे.
मुख्यमंत्री से क्यों मिले आरएलडी विधायक?
आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने इस सवाल के जवाब में कहा कि इसके पीछे की कोई सियासी वजह नहीं है. यूपी विधानसभा का सत्र चल रहा है ऐसे में पार्टी विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र के कई काम करवाने होते हैं इसलिए सब सीएम से मिलने के लिए गये हुए थे. वहीं अगर पश्चिमी यूपी के चुनावी नतीजों पर नजर डालें तो बीते चुनाव में आरएलडी का प्रभाव उसके क्षेत्र में पड़ा है.