Joshimath Sinking : जोशीमठ में खतरा टलने का नाम नहीं ले रहा है, आज तोड़े जाएंगे क्षतिग्रस्त घर, कल विरोध की वजह से नहीं हो पाया कार्य

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Joshimath Sinking

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जोशीमठ में पिछले दो तीन दिनों से भू-धंसाव (Joshimath Sinking) तेजी से हो रहा है. सरकार ऐसे में काफी सक्रिय है. सरकार ने मकानों और होटलों को चिन्हित करके ढहाने की प्रक्रिया शुरू की है. खतरे वाले क्षेत्रों में से लोगों को अलग जगह ले जाया जा रहा है. क्षतिग्रस्त भवनों की संख्या रोज बढ़ती जा रही है.

लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया जिसके कारण अभी ढहाने को कार्यवाई नहीं हो सकी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया. अगली तारीख दे दी.अब तक कुल 723 भवन चिन्हित किए जा चुके हैं. इनमें से 86 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित कर लाल निशान लगा दिए गए हैं. जल्द ही इन भवनों को ढहाने की कार्रवाई शुरू होगी.

450 से अधिक परिवारों को किया गया शिफ्ट, विरोध के कारण मकान नहीं ढहा पाया प्रशासन

भू-धंसाव की चपेट में आए जोशीमठ में शासन के आदेश के बावजूद मंगलवार को भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई. जिला प्रशासन की टीम लाव-लश्कर के साथ भवन तोड़ने पहुंची तो प्रभावित लोग विरोध में उतर आए. ऐसे में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई बुधवार तक के लिए टाल दी गई. इस दिनभर अफरातफरी का माहौल रहा.

जिला प्रशासन की ओर से अब तक 462 परिवारों को अस्थायी रूप से विस्थापित किया जा चुका है. मंगलवार को 381 लोगों को उनके घरों से सुरक्षित ठिकानों पर शिफ्ट किया गया. जबकि इससे पहले 81 परिवारों को शिफ्ट किया गया था. प्रशासन की ओर से अब तक विभिन्न संस्थाओं-भवनों में कुल 344 कमरों का अधिग्रहण किया गया है. इनमें 1425 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है.

ठहरने के लिए जगह तलाश रहा है प्रशासन : Joshimath Sinking

प्रशासन लोगों को अस्थायी तौर पर शिफ्ट करने के लिए जगह चिन्हित करने में जुटा है. जोशीमठ के आसपास के क्षेत्रों को चिन्हित करने के बाद प्रशासन ने पीपलकोटी के होटल, लॉज भी चिन्हित किए हैं जहां जरूरत पड़ने पर लोगों को शिफ्ट किया जाएगा. प्रशासन ने मंगलवार को पीपलकोटी के सेमलडाला मैदान में नगर पंचायत के कर्मचारियों को लगाकर इसकी सफाई की और गड्ढों को भरा. हालांकि वहां पर पहुंचे तहसीलदार धीरज राणा ने इसे हेलीपैड के लिए सफाई की बात कही लेकिन बताया जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर इस मैदान में टेंट लगाकर लोगों को अस्थायी तौर पर शिफ्ट किया जा सकता है.

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