Maharashtra : तीन दिन के लिए महाराष्ट्र में गुल हुई बिजली, निजीकरण के विरोध में 72 घंटे की हड़ताल पर कर्मचारी
महाराष्ट्र (Maharashtra) में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन विद्युत कंपनियों के कर्मचारी संघों ने इन कंपनियों के निजीकरण के विरोध में बुधवार से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इन कंपनियों के कर्मचारी संघों की कार्य समिति महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी, अधिकारी एवं अभियंता संघर्ष समिति ने हड़ताल का आह्वान किया है.महाराष्ट्र में विद्युत कंपनियों के कर्मचारी और अधिकारी निजीकरण के विरोध में हैं. आज हजारों वर्कर्स ने निजीकरण के खिलाफ 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.
सोमवार को ठाणे (Maharashtra) जिलाधिकारी के सामने किया गया प्रदर्शन
महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महावितरण), महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महापारेषण) और महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (महानिर्मिति) सरकारी विद्युत कंपनियां हैं. भोईर ने कहा कि इन कंपनियों के कर्मी पिछले दो-तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और सोमवार को 15,000 से अधिक कर्मियों ने ठाणे में जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था.
72 घंटे की हड़ताल के लिए दी है चेतावनी
कर्माचारियों का कहना है कि , ‘‘ इन तीन विद्युत कंपनियों के करीब 86,000 कर्मचारी, अधिकारी, अभियंता निजीकरण के खिलाफ बुधवार से 42,000 अनुबंधित कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों के साथ 72 घंटे की हड़ताल पर चले जायेंगे.’’ उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी कर्मियों की एक बड़ी मांग यह है कि अडानी ग्रुप की सहायक कंपनी को पूर्वी मुंबई के भांडुप, ठाणे और नवी मुंबई में मुनाफा कमाने के लिए समानांतर वितरण लाइसेंस नहीं दिया जाए.
पिछले साल नवंबर में अडानी समूह की एक कंपनी ने मुंबई के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत वितरण का अपना कारोबार बढ़ाने के लिए लाइसेंस मांगा था. अडानी ट्रांसमिशन की सहायक कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई लिमिटेड ने भांडुप, मुलुंद, ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल, तलोजा तथा उरन शहरी क्षेत्रों में महावितरण के क्षेत्राधिकार में विद्युत वितरण के वास्ते समानांतर लाइसेंस के लिए महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग में आवेदन दिया था.