Maharashtra – Karnataka : सीमा विवाद का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है, दोनों राज्यों के नेता एक दूसरे पर पलटवार कर रहे हैं

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Maharashtra - Karnataka

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच विवादित क्षेत्र

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महाराष्ट्र – कर्नाटक (Maharashtra – Karnataka) सीमा विवाद और उलझ रहा है. दोनों राज्यों के नेता तंज कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कैबिनेट के कुछ लोग कर्नाटक जाने वाले थे. कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि ये फैसला गलत होगा.

वर्षों पुराना है, Maharashtra – Karnataka का सीमा विवाद

यह विवाद शुरू हुआ था साल 1956 में जब राज्य पुनर्गठन अधिनियम संसद से पास होकर अस्तित्व में आया. तभी से दोनों राज्य अपनी सीमाओं के कुछ गांव और कस्बों को भाषायी आधार पर अपने राज्य में शामिल किए जाने की मांग करते हैं. दोनों राज्यों में बेलगावी, खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार की सीमा को लेकर विवाद है. इस विवाद में सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है बेलगावी. महाराष्ट्र से सटा यह इलाका कर्नाटक की सीमा क्षेत्र में आता है. दोनों राज्यों के बीच यह विवाद कभी भी राजनीतिक रंग ले लेता है. महाराष्ट्र के मंत्री बेलगावी पर अपना दावा ठोकते हैं वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने महाराष्ट्र के सोलापुर और अक्कलकोट के कुछ इलाकों पर दावा कर कहा कि ये कर्नाटक का हिस्सा बनना चाहते हैं.

दोनों पक्षों की ओर से दी जा रहीं अपने अपने पक्ष में दलील

कर्नाटक सरकार की दलील रही है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 के तहत राज्यों की सीमाएं तय करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट का नहीं बल्कि संसद को है. महाराष्ट्र सरकार यह दलील देती है कि अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच के विवादों में सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है.

Maharashtra – Karnataka विवाद पर क्या बोले राजनीतिक दिग्गज

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को ‘चुप रहने’ और मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा. पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है. इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे.

महाराष्ट्र और कर्नाटक विवाद देश के सबसे पुराने अंतरराज्यीय विवादों में से एक है. महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों ही राज्यों में बीजेपी या बीजेपी समर्थित सरकारें हैं. बेलगावी जिला प्रशासन ने सोमवार को महाराष्ट्र के दोनों मंत्रियों और नेताओं के शहर में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट नितेश पाटिल ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत उनके प्रवेश पर रोक लगा दी थी. अब इस विवाद ने उग्र रूप धारण कर लिया है. पुणे से बेंगलुरू जा रहीं महाराष्ट्र की गाड़ियों पर पथराव किया गया. इस बीच महाराष्ट्र के दो मंत्रियों ने अपने बेलगावी दौरे को रद्द कर दिया. इस हिंसक घटना के बाद उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को फोन कर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

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