मेघालय में ममता नहीं चाहती हैं एकजुट विपक्ष, मुख्यमंत्री संगमा ने की चुनावी अभियान की शुरुआत
Meghalaya Election : देश के कई राज्यों में चुनाव प्रस्तावित है. चुनाव की दहलीज खड़े छोटे बड़े मिलाकर 9 राज्य हैं. राज्यों के चुनाव आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रभाव जरूर डालेंगे. हर पार्टी अपना जोर लगा रही है. लोकसभा में सभी पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की योजना भी बनाई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कॉंग्रेस का नेतृत्व मंजूर नहीं है. ममता बनर्जी का आक्रमक अंदाज विपक्ष के एकजुट होने वाले मंसूबों पर पानी फ़ेर सकता है. जीत चाहे किसी की भी हो लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के एकजुट होने की उम्मीदों के लिए यह बड़ा झटका है.
कॉंग्रेस को तृणमूल से लगातर मिल रहा आघात : Meghalaya Election
पिछले चुनाव में कांग्रेस 21 विधायकों के साथ राज्य में मजबूत पार्टी बनकर उभरी थी, परंतु बाद में उसके सारे विधायक इधर-उधर हो गए. 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस की स्थिति अभी शून्य पर है. भारत जोड़ो यात्रा के सहारे विपक्षी दलों को साधकर कांग्रेस का कद बड़ा करने के अभियान पर निकले राहुल गांधी को मेघालय में तृणमूल कांग्रेस की ओर से लगातार आघात मिल रहा है. विधायकों के अतिरिक्त भी बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने तृणमूल का दामन थाम लिया है.
मुख्यमंत्री ने भी की अपने अभियान की शुरुआत
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने मेघालय में पिछले पांच वर्षों में एनपीपी नेतृत्वाधीन सरकार द्वारा लाए गए ‘असाधारण’ विकास का व्यापक लेखा-जोखा लेकर चुनाव अभियान की शुरुआत की है. बीती रात, उन्होंने 27 फरवरी को 60 सीटों वाले मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र संख्या 51. दक्षिण तुरा से प्रचार शुरू किया. रैली से पहले, उन्होंने न्यू तुरा लॉकॉलेज परिसर में शक्ति प्रदर्शन किया और आगामी 27 फरवरी को होने वाले चुनावों में एनपीपी को वोट देने की अपील की. सभा में मुख्यमंत्री ने पिछले पांच वर्षों में अपनी सरकार के विभिन्न विकास कार्यों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मेघालय में असाधारण काम किया है. एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार वह दिखा रही है जो पिछले 45 वर्षों में लोगों ने नहीं देखा, खासकर तुरा और गारो पहाड़ में जो विकास कार्य हुए हैं.