मोबाइल फोन की वजह से चली गई महिला की आंखें, देखिए क्या है पूरी घटना

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Mobile Screen
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Mobile Screen : हम सभी जानते हैं कि डिजिटल तकनीक का अधिक इस्तेमाल हमारे लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसा ही एक केस सामने आया है. हैदराबाद के एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर ने ट्विटर पर इस बात का खुलासा किया कि कैसे एक 30 वर्षीय महिला ने अंधेरे में फोन इस्तेमाल कर अपनी आंखों को नुकसान पहुंचाया.

ट्विटर थ्रेड में डॉक्टर ने बताया कि मंजू नाम की उनकी एक पेशेंट उनके पास आंखों की रोशनी की समस्या के साथ आई थी. जब वह मेडिकल जांच से गुजरी, तो पता चला कि वो स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम (SVS) से पीड़ित है, जिससे अंधेपन समेत आंखों से संबंधित कई समस्याएं हो सकती हैं.

‘अंधेरे में घंटों तक फोन चलाती थी महिला’

डॉक्टर के अनुसार, आंखों की रोशनी कम होने का कारण अंधेरे में फोन पर बहुत समय बिताने की उसकी आदत थी. लगभग डेढ़ साल से वो एक नियमित आदत का पालन कर रही थी. डॉ. सुधीर ने ट्विटर पर लिखा, ‘वो अपने स्मार्टफोन पर रोजाना कई घंटों तक ब्राउज करती थी और ये उसकी नई आदत बन गई, रात के समय कमरे में अंधेरे में भी वो ऐसे ही घंटों फोन इस्तेमाल करती थी.’

लगातार बढ़ रहा स्क्रीन टाइम : Mobile Screen

मोबाइल एनालिटिक्स फर्म Data.ai के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन का औसत सक्रीन टाइम 2021 में बढ़कर 4.7 घंटे प्रतिदिन हो गया, जो 2020 में 4.5 घंटे और 2019 में 3.7 घंटे था. अंधेरे कमरे में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं. ये बातें न केवल मानसिक रूप से प्रभावित कर रही हैं बल्कि दृष्टि हानि की संभावना बढ़ा रही हैं.

हालांकि, स्मार्टफोन को नजरअंदाज करना संभव नहीं है, लेकिन स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की अत्यधिक सलाह दी जाती है. तकनीक की जानकारी रखने वालों के लिए भी तकनीक ही आपके स्क्रीन समय को कम करने में आपकी मदद करेगी. उदाहरण के लिए, जेन मोड (Zen Mode) चालू करने से आपको अपने स्मार्टफोन से दूर रहने में मदद मिलेगी. ब्लू लाइट फिल्टर चालू करने से आपको अपनी आंखों पर तनाव कम करने में मदद मिलेगी. टाइमर सेट करें और हर 20 से 30 मिनट में स्क्रीन से ब्रेक लें. व्यायाम करना शुरू करें और स्मार्टवॉच को उपयोग में लाएं.

स्क्रीन टाइम कम करने की सलाह : Mobile Screen

दिनचर्या पर ध्यान देने के बाद डॉ. ने महिला को दवा लेने की सलाह दी और उसे अपना स्क्रीन टाइम कम करने के लिए कहा. दवा के बाद और स्क्रीन से बचने के बाद वो अपनी आंखों की रोशन ठीक करने में सक्षम थी. डॉ. सुधीर ने आगे बताया, ‘1 महीने की समीक्षा में मंजू बिल्कुल ठीक थी. उसकी 18 महीने की दृष्टि हानि चली गई थी. अब, उसकी दृष्टि सामान्य थी, उसने कोई फ्लोटर्स या प्रकाश की चमक नहीं देखी. इसके अलावा, रात में उसकी दृष्टि की क्षणिक हानि भी बंद हो गई. हमारा संदेह सही साबित हुआ.’

इस बीच, डॉ सुधीर ने लोगों को सलाह देते हैं कि डिजिटल डिवाइस की स्क्रीन को लंबे समय तक देखने से बचें, क्योंकि इससे गंभीर और अक्षम दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसे इस्तेमाल करते समय, 20-सेकंड का ब्रेक लें और हर 20 मिनट में 20 फीट दूर कुछ देखें. (20-20-20) डिजिटल स्क्रीन नियम का पालन करें.

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