Nikay Chunav : अधिसूचना जारी होने के लिए करना पड़ेगा इंतजार, मिल रही तारीख पर तारीख
निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के लिए हाई कोर्ट में सुनवाई थी. यह सुनवाई आरक्षण के मुद्दे पर थी. हाई कोर्ट में सरकार ने अपना पक्ष रखने का के लिए समय माँगा. सरकार को कोर्ट ने समय दे दिया. अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी. कोर्ट में ओबीसी आरक्षण का मामला सर्वाधिक आपत्ति में आया है.
क्या है मामला आखिर क्यों मचा हुआ है घमासान : Nikay Chunav
यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए पिछले दिनों नगर विकास विभाग के स्तर पर वार्डों का आरक्षण रोस्टर जारी किया गया. इसी पर विवाद गहराया हुआ है. आरक्षण रोस्टर में ओबीसी आरक्षण की सीमा का उचित तरीके से अनुपालन नहीं किए जाने का दावा किया गया है. सरकार की ओर से जवाब आने के बाद ही इस विषय पर कोर्ट की ओर से कोई फैसला आएगा. सरकार के स्तर पर भी कोर्ट में अपना पक्ष रखे जाने से पहले पूरी स्थिति की समीक्षा की जा रही है. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर लगातार तीन दिनों तक सुनवाई की.अब कोर्ट 20 को अगली सुनवाई करेगा.
याची ने कहा कि बिना तिहरे परीक्षण ही जारी कर दिया आरक्षण : Nikay Chunav
रायबरेली निवासी समाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय की जनहित याचिका पर दिया.इसमें स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने व सीटों के रोटेशन के मुद्दे उठाए गए हैं.याची का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत जबतक राज्य सरकार तिहरे परीक्षण की औपचारिकता पूरी नहीं करती तब तक ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता.राज्य सरकार ने ऐसा कोई परीक्षण नहीं किया जो सुप्रीम कोर्ट की नजीर का पूरी तरह उल्लंघन है. यह भी दलील दी कि यह औपचारिकता पूरी किए बगैर सरकार ने गत 5 दिसंबर को अनंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी.इससे साफ है कि राज्य सरकार ओबीसी को आरक्षण देने जा रही है.साथ ही सीटों का रोटेशन भी नियमानुसार किए जाने की गुजारिश की गई है. याची ने इन कमियों को दूर करने के बाद ही चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने का आग्रह किया.
अब कब जारी होगी अधिसूचना,कार्यकाल हो चुका है खत्म
दरअसल, यूपी के नगर निकायों में चुनाव पूरा कराकर इसी माह में नए बोर्ड का गठन कर लिया जाना था. वर्ष 2017 में 12 दिसंबर को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने की सूचना जारी कर दी थी. इसके आधार पर नई कमेटी का गठन कर लिया गया. कई निकायों में इसके बाद बोर्ड का गठन और शपथ ग्रहण हुआ. नगर विकास विभाग ने बोर्ड के गठन और शपथ ग्रहण के दिन तक बोर्ड के कार्यकाल के पूर्ण होने की सूचना जारी किए जाने की बात कही है. इसके बाद नगर निगम के प्रशासक के हाथों में निगम की बागडोर आ जाएगी. नगर निकाय क्षेत्र के लिए योजनाओं को लागू कराने की जिम्मेदारी प्रशासक की होगी. हाई कोर्ट की ओर से चुनाव तारीखों के ऐलान पर निर्णय होने के बाद अधिसूचना जारी की जा सकेगी.