इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है पाकिस्तान, देखिए क्या खत्म हो जाएगा पाकिस्तान का वजूद

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Pakistan Economic Crisis
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Pakistan Economic Crisis : करीब 75 साल पहले भारत से टूटकर अलग बना पाकिस्तान टूटने के कगार पर है. वहां पर अर्थव्यवस्था कभी भी चरमरा सकती है और देश दिवालिया हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान के करोड़ों लोग खून के आंसू पीने को मजबूर हो जाएंगे. पाकिस्तान इस वक्त अपने 75 साल के इतिहास में सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार कुछ ही दिनों के लिए शेष बचा है और अब वह अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से कर्ज लेने के लिए हाथ-पैर मार रहा है.

IMF की टीम कर्ज के लिए होने वाली बातचीत का रिव्यू करने के लिए इस समय पाकिस्तान में है. वह इस बात को देखेगी कि कर्ज के बदले पाकिस्तान उसकी शर्तों को मानने के लिए कितना तैयार है. अगर यह बातचीत विफल हो जाती है तो पाकिस्तान कंगाल भी हो सकता है, जिसका खामियाजा वहां की जनता को रो-रोकर भुगतना होगा.

पाकिस्तान खो देगा अपना वजूद : Pakistan Economic Crisis

फाइनेंस एक्सपर्टों के मुताबिक अगर पाकिस्तान कंगाल (Pakistan Economic Crisis) हो जाता है तो वह दुनिया में अपनी प्रतिष्ठा को गंवा बैठेगा. इसके चलते दुनिया में पाकिस्तानी रुपये की वेल्यू खत्म हो जाएगी. पाकिस्तान बाहर से कुछ भी आयात नहीं कर पाएगा, जिसकी वजह से उसकी अर्थव्यवस्था ठप हो जाएगी. इकोनॉमी डूबने से देश में बेरोजगारी और गरीबी चरम पर पहुंच जाएगी. अपना परिवार पालने के लिए देश में अपराध और आतंकवाद की घटनाएं बढ़ जाएंगी. कई लोगों के पास भले ही लाखों-करोड़ों रुपये की करेंसी होगी लेकिन वे उससे कुछ भी खरीद नहीं पाएंगे.

चला जाएगा विदेशी निवेश

वित्त मामलों के एक्सपर्टों के मुताबिक अगर पाकिस्तान का मुद्रा भंडार (Pakistan Economic Crisis) गिर जाता है तो वहां का सेंट्रल बैंक दूसरे देशों को पेमेंट करने में असमर्थ हो जाएगा. इसके चलते रेटिंग एजेंसी मूडीज और एस एंड पी पाकिस्तान की रेटिंग गिरा देंगी. जिससे पाकिस्तान में रहा-सहा विदेशी निवेश भी चला जाएगा. पाकिस्तान के लिए पेट्रोल-डीजल जैसे कई ऐसे आयात हैं, जो देश को चलाने के लिए जरूरी हैं. अगर उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो जाता है तो वह दुनिया से ये अनिवार्य चीजें नहीं मंगा सकेगा, जिसके चलते पूरा देश ठहरकर रह जाएगा.

IMF के पैकेज का इंतजार : Pakistan Economic Crisis

हालात बिगड़ते देख सेंट्रल बैंक ऑफ पाकिस्‍तान (SBP) ने फैसला लिया है कि आयात के लिए जरूरी लेटर ऑफ क्रेडिट (LC) अब बहुत सोच-विचार कर ओपन किए जाएंगे. इसका मकसद देश में डॉलर (Pakistan Economic Crisis) के रिजर्व को लंबे समय तक के लिए बचाकर रखना है. साथ ही पाकिस्तानी सरकार को इतना वक्त दिलवाना है कि वह IMF से बेलआउट पैकेज हासिल कर सके. पाकिस्तानी सरकार की ओर से खाड़ी देशों में बसे अपने नागरिकों से अपील की गई है कि वे मुल्क को बर्बादी से बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा मात्रा में अपना पैसा पाकिस्तान में भेजें.

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