Sahjan Ki Kheti Kaise Kare : सहजन की खेती के लिए एक बार लगाएं पैसा, 10 साल से अधिक तक होती रहेगी कमाई
Sahjan Ki Kheti Kaise Kare : सजहन में हेल्थ से जुड़े कई गुण मौजूद हैं और दूसरी ये कि इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. आज हम आपको सहजन की खेती के बारे में बता रहे हैं. इस खेती को शुरू कर आप 6 लाख सालाना यानी 50 हजार रुपये मंथली तक कमा सकते हैं.सहजन एक औषधीय पौधा भी है. ऐसे पौधों की खेती के साथ इसकी मार्केटिंग और निर्यात भी करना आसान हो गया है. भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सही तरीके से उगाई गई मेडिशनल क्रॉप की काफी डिमांड रहती है. सहजन को अंग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है.
इतनी होगी कमाई : Sahjan Ki Kheti Kaise Kare
एक एकड़ में करीब 1,200 पौधे लग सकते हैं. एक एकड़ में सहजन का पौधा लगाने का खर्च करीब 50 से 60 हजार रुपये आएगा. सहजन की सिर्फ पत्तियां बेचकर आप सालाना 60 हजार रुपये तक कमा सकते हैं. वहीं सहजन का उत्पादन करने पर आप सालना 1 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं.
सहजन की खेती के लिए कुछ जरुरी बातें
1. सहजन एक मेडिसिनल प्लांट है. कम लागत में तैयार होने वाली इस फसल की खासियत यह है कि इसकी एक बार बुवाई के बाद 4 साल तक फिर से बुवाई नहीं करनी पड़ती है. इसकी खेती करने के 10 महीने बाद एक एकड़ में किसान 1 लाख रुपये कमा सकते हैं.
2. इस बिजनेस के लिए आपको बहुत ज्यादा जमीन की जरूरत नहीं है. इसकी खेती में पानी की बहुत जरूरत नहीं होती और रखरखाव भी कम करना पड़ता है.
3. सहजन के पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छे से जुताई कर खरपतवार नष्ट कर दें. 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर 45 x 45 x 45 सेंमी. तक गहरे गड्डे तैयार कर लें. गड्डो को भरने के लिए मिट्टी के साथ 10 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद का मिश्रण तैयार कर लें.
4. अगर आप सहजन की खेती में सिंचाई टपका विधि से करेंगे तो पानी की बहुत बचत होगी. हां, टपका विधि से सिंचाई करने के लिए आपको अतिरिक्त खर्च जरूर करना होगा.
5. इसकी खेती बंजर पड़ी जमीन पर भी की जा सकती है. ऐसी जमीन पर पानी का तालाब बनवाकर आप टपका विधि से सहजन की खेती कर सकते हैं.
6. पौधे लगाने से पहले गड्डों में गोबर की खाद या कंपोस्ट जरूर डालें. अपनी मिट्टी की जांच भी करवाएं ताकि जमीन में पोषक तत्वों की कमी का पता चल सके.
7. इसका पौधा गर्म इलाकों में आसानी से फल-फूल सकता है. इसको ज्यादा पानी की भी जरूरत नहीं होती. सर्द इलाकों में इसकी खेती बहुत प्रॉफिट टेबल नहीं हो पाती, क्योंकि इसका फूल खिलने के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान की जरूरत होती है.
8. यह सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है. पहले साल के बाद साल में 2 बार उत्पादन होता है और आम तौर पर एक पेड़ 10 साल तक अच्छा उत्पादन करता है. इसकी प्रमुख किस्में हैं कोयम्बटूर 2, रोहित 1, पी.के.एम 1 और पी.के.एम 2