Senior Congress Leader Pandit Sukharam: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन

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Senior Congress Leader Pandit Sukhram: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन

Senior Congress Leader Pandit Sukhram: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन

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Senior Congress Leader Pandit Sukharam: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम का निधन हो गया है. उन्होंने 95 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. वो दिल्ली के AIIMS में भर्ती थे. उनके बेटे अनिल शर्मा ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनके पिता को ब्रेन स्ट्रोक के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली. पंडित सुखराम पी.वी.नरसिम्हा राव की सरकार में 1993 से 1996 तक केंद्रीय मंत्री थे.

जब उन पर पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे,

सीबीआई को जांच में पंडित सुखराम के घर से 3.6 करोड़ रुपये मिले थे. जो सूटकेस और बैग में भरे हुए थे. इनमें से 2.45 करोड़ रुपये उनके घर से मिले थे. जबकि 1.16 करोड़ छापेमारी में मंडी स्थित बंगले से मिले थे. तब न्यूज चैनल और अखबारों में मामला खूब सुर्खियों में छाया रहता था. उनकी इतनी किरकरी हुई कि कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. उनपर रिश्वत लेकर टेलीकॉप के ठेके देने और पैसे कमाने का आरोप लगा था. इस मामले में 18 नवंबर, 2011 को ऊपरी अदालत ने दिल्ली अदालत का फैसला सही ठहराया था. जिसके अंतर्गत सुखराम को दोषी ठहराया गया और जिसके बाद उन्हें 5 साल जेल की सजा भी हुई थी.

दो बार केंद्रीय मंत्री रहे थे पंडित सुखराम

पंडित सुखराम की पहचान हिमाचल प्रदेश के बड़े ब्राह्मण नेता के तौर पर थी. वो 5 बार विधायक और तीन बार सांसद रहे थे. वो 1984 में राजीव गांधी की सरकार में कनिष्ठ मंत्री रहे थे, तो पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी.

सुखराम ने 1998 में बनाई थी हिमाचल विकास कांग्रेस
1998 के हिमाचल विधानसभा चुनाव पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी बनाई थी। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किसी को बहुमत नहीं मिला, जबकि हिविकां ने उस वक्त के चुनाव में 4 सीटें जीती थीं। पंडित सुखराम ने अपने 4 विधायकों के साथ भाजपा को समर्थन दिया था। इस समर्थन से भाजपा की सरकार बनी। बाद में जून में लाहौल-स्पीति की सीट पर जब चुनाव हुए तो हिमाचल विकास कांग्रेस ने यह सीट भी जीती। तब इस सीट से जीते रामलाल मारकंडा वर्तमान में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार में मंत्री हैं।

1991 में जब दिल्ली में नरसिम्हा राव सरकार थी तो उस सरकार में पंडित सुखराम दूरसंचार मंत्री बने थे। 1996 में संचार घोटाले में नाम आने के कारण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इससे पहले 1985 से 1989 के बीच स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार में भी पंडित सुखराम मंत्री रहे थे।

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