Shahjahanpur : भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बना कोलाघाट पुल क्षतिग्रस्त, पौने दो किलोमीटर थी इसकी लंबाई

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उत्तर प्रदेश (Shahjahanpur ) हो या कहीं भी भ्रष्टाचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. भ्रष्टाचार करने वाले लोग यह भी नहीं समझते हैं कि इसका परिणाम क्या होगा. जनमानस को कितनी हानि होगी.

खबर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर (Shahjahanpur ) से है. यहां कमजोर बुनियाद पर ही पौने दो किलोमीटर लंबा पुल बना दिया गया. इसके कुएँ ना सिर्फ तिरछे मिले बल्कि अपने स्थान से हटे हुए भी मिले हैं. केंद्रीय सड़क अनुसंधान (CRRI) की जांच में यह खुलासा हुआ है. जांच कर कार्रवाई हेतु रिपोर्ट अब उच्चाधिकारियों को सौंप दी गई है.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर – कलान का है मामला : Shahjahanpur

शाहजहांपुर में कलान-मिर्जापुर क्षेत्र को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला 1800 मीटर लंबा कोलाघाट पुल पिछले साल नवंबर में पिलर धंसने से ढह गया था. करीब दो सौ मीटर हिस्सा जमींदोज होने से पुल तीन हिस्सों में बंट गया. रामगंगा और बैगुल नदी पर यह पुल 2009 में बनाया गया था. इतने कम समय में पुल का यह हश्र होने पर विशेषज्ञों की टीम से इसकी जांच कराई गई थी.

कोलाघाट पुल में कुल 59 वेल बनाए गए थे. इनमें से 15 की जांच सीआरआरआई ने की. उसने रिपोर्ट में कहा है कि अधिकांश वेल की बुनियाद (फाउंडेशन) निर्धारित मानक से ज्यादा झुकी और अपने स्थान से हटी हुई मिली. निर्माण के दौरान इस समस्या को दूर करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं किए गए.

विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन 15 वेल की जांच की, उनमें से कोई भी उतना भार सहन करने के योग्य नहीं मिला, जितने के लिए वे डिजाइन किए गए. कुओं की फाउंडेशन पानी के क्षैतिज दबाव को सहन करने के लिहाज से असुरक्षित मिली. इसे इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) कोड के विपरीत बताया गया है. रिपोर्ट में सभी वेल को मजबूत किए जाने की आवश्यकता बताई गई है.

वहीं, सेतु निगम के सूत्रों का कहना है कि सीआरआरआई को जांच के लिए जितनी राशि दी गई थी, उससे 15 वेल की जांच ही हो सकती थी. अगर अन्य सभी वेल की जांच कराई जाए तो स्थिति और खराब मिलेगी. शेष वेल की जांच के लिए सीआरआरआई ने अतिरिक्त धन की मांग की है.

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