आख़िर क्यों हिटलर की मौत के बाद जर्मनी के हज़ारों लोगों ने की थी आत्महत्या?? क्या थी वज़ह
Suicide Wave in Germany : जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर का नाम तो आपने सुना ही होगा. द्वितीय विश्वयुद्ध के आखिरी समय में इस नाज़ी तानाशाह ने खुद को गोली मार ली थी. हिटलर के साथ कई बड़े नाज़ी नेताओं ने भी खुदकुशी कर ली थी. हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को खुदकुशी की थी, जिसके बाद नाज़ी जर्मनी ने 8 मई को आत्मसमर्पण कर दिया था. इसके बाद जर्मनी में एक अजीब-सी स्थिति बनी और हजारों जर्मन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने आत्महत्या कर ली. इसे सामूहिक आत्महत्या लहर या मास सुसाइड वेव के नाम से जाना जाता है.
क्या थी वजह : Suicide Wave in Germany
साल 2015 में एक इंटरव्यू में किताब के लेखक हूबर ने कहा था कि उस दौरान सोवियत यूनियन को जर्मनी के दुश्मन के तौर पर देखा जा रहा था. सोवियत की सेना को लाल सेना के नाम से भी जाना जाता था. हिटलर की मौत के बाद जर्मनी की जनता में खौफ फैल गया था कि लाल सेना उनके साथ हत्या, बलात्कार और घिनौन अत्याचार करेगी. इसी डर के मारे लोग खुदकुशी करने पर मजबूर हो गए थे.
हूबर ने अपनी किताब में भी इसी तरह की बातों का उल्लेख करते हुए बताया है कि लोगों को महसूस होने लगा था कि लाल सेना के इस आशंकित अत्याचार से बचने का एकमात्र रास्ता खुदकुशी करना है था. खुदकुशी के तरीकों में ज्यादातर डूबकर, खुद को गोली मारकर, फंदे से झूलकर या जहर खाने को अपनाया गया था.
सुसाइड वेव का ज़िक्र मना था
अंग्रेज़ी में छापते हुए प्रकाशकों ने हूबर की किताब के बारे में लिखा है कि यह एक अनकही और अनसुनी कहानी है. इसके अलावा गार्जियन नाम के एक अंग्रेज़ी मीडिया समूह ने लिखा है कि साल 2009 में इस विषय पर एक यूरोपीय इतिहासकार क्रिश्चियन गॉशेल ने भी किताब लिखी थी. लेकिन हूबर का कहना है कि उनकी किताब छपने के दौरान तक जर्मनी में इस विषय पर बात करने में एक हिचक देखने को मिलती थी.